मांगों के जल्द समाधान के लिए शिक्षकों ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
पीएलसीसुपवा के प्राध्यापकों का प्रदर्शन 28वें दिन में पहुंचा
रोहतक (गिरीश सैनी)। पंडित लख्मीचंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य विश्वविद्यालय के शिक्षक यूजीसी वेतनमान व 7वें सीपीसी दिए जाने की मांग को लेकर पिछले 28 दिनों से लगातार बिना किसी शैक्षणिक कार्यों में बाधा पहुंचाए शाम 5 बजे के बाद विमर्श प्रदर्शन कर रहे हैं।
पीएलसीसुपवा शिक्षक संघ के प्रधान इंद्रनील घोष ने कहा कि पिछले 12 वर्षों से विश्वविद्यालय को बनाने वाले शिक्षकों के भविष्य को लेकर विवि प्रशासन आंखें मूंदे हुए हैं। विवि अधिकारी लंबे समय से शिक्षकों के यूजीसी वेतनमान और सातवें सीपीसी के मामले को फाइलों में अटका कर बैठे हैं। शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति व राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि शिक्षकों की लंबित एवं उचित मांगों का जल्द से जल्द निराकरण किया जाए। ताकि शिक्षा देने वाले गुरुओं के साथ न्याय हो सके।
विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षकों के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा। पिछले साल आए यूजीसी वेतनमान व 7वें सीपीसी संबंधी सरकारी आदेश को भी लागू नहीं किया जा रहा। उच्च शैक्षणिक योग्यता एवं प्रोफेशनल अनुभवी प्राध्यापकों के करियर के साथ मजाक किया जा रहा है। संघ के प्रधान इंद्रनील घोष ने आश्चर्य व्यक्त किया कि सुपवा शिक्षकों की पिछले 10 वर्षों से कोई पदोन्नति नहीं हुई है, जबकि प्रशासन द्वारा हाल ही में की गई नियुक्तियों को यूजीसी के सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है। शिक्षक संघ के जतिंदर शर्मा, विनय कुमार, महेश टी पी, अजय बाहु जोशी, अजय यादव सहित अन्य सदस्यों ने मांग की है कि बिना किसी और देरी के यूजीसी वेतनमान और सातवें सीपीसी का लाभ तुरंत प्रभाव से शिक्षकों को दिया जाए। साथ ही इस देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।