शिक्षक पढ़ाये ही नहीं, जीवन जीने की कला भी सिखाये 

शिक्षक पढ़ाये ही नहीं, जीवन जीने की कला भी सिखाये 

-कमलेश भारतीय 
आज शिक्षक दिवस है और हर स्कूल, काॅलेज में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। कभी गुरुकुल होते थे, अब सरकारी स्कूलों के साथ प्राइवेट स्कूलों  की चकाचौंध हो गयी है। फिर भी शिक्षक तो शिक्षक ही रहेगा । कैसा होना चाहिए शिक्षक? इस पर बातचीत की गयी कुछ सम्मानित शिक्षकों से।  
** डाॅ श्रुति मेहता : शिक्षक वह होना चाहिए जो छात्र की समस्या सुनकर उसका मानसिक स्तर ऊंचा उठाये  और यही नहीं जीवन जीने की कला भी सिखाये । डाॅ श्रुति मेहता करियर मेकर की संचालिका हैं । उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी टीचर मां होती है । 
** डाॅ सरोज श्योराण : सिवानी के राजकीय विद्यालय की हिंदी प्राध्यापिका डाॅ सरोज श्योराण की नज़र में शिक्षक बच्चों के लिए रोल मॉडल होना चाहिए ताकि बच्चे शिक्षक का व्यवहार अपना सकें । शिक्षक को छात्रों को अच्छी जीवन शैली देनी चाहिए । 
** ताराचंद सुथार : सीसवाल के निकट लाखपुल के प्रिंसिपल ताराचंद सुथार का मानना है कि टीचर अंतिम सांस तक समाज का सेवक होता है । वह समाज निर्माण करता है, राष्ट्रनिर्मात्ता कहलाता है । समय के अनुसार टीचर को अपडेट रहना चाहिए । 
** आदर्श कुमार : तलवंडी शाहपुर के  राजकीय विद्यालय के मौलिक मुख्याध्यापक आदर्श कुमार का कहना है कि टीचर वह जो बच्चों की समस्याओं को समझे और उन्हें दूर करे । समाज बदल रहा है और टीचर का रोल भी महत्वपूर्ण होता जा रहा है । वह छात्रों से मित्रवत व्यवहार करे । 
** सविता रतिवाल : मंगाली के राजकीय विद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या सविता रतिवाल ने कहा कि शिक्षक का एक ही धर्म शिक्षा देना ओर विद्यालय उसके लिए मंदिर से कम नहीं होना चाहिए । मेरे आदर्श शिक्षक मेरे पिता परमानंद, जो शिक्षा मत्री भी रहे हरियाणा के।
** डाॅ सुषमा खन्ना : खन्ना अस्पताल की संचालिका व साहित्यकार डाॅ सुषमा खन्ना ने कहा कि, शिक्षक वह जो सही व गलत का भेद करना सिखाये और अच्छे संस्कार दे। छात्र गलत व सही में अंतर कर पाये। आज मैं जो भी हूँ, अपने शिक्षकों की वजह से ही हूँ ।