मांगे पूरी होने तक विमर्श प्रदर्शन को जारी रखेंगे पीएलसी सुपवा के प्राध्यापक
रोहतक, गिरीश सैनी। वेतनमान और पदोन्नति की मांगों को लेकर 53 दिन से प्रदर्शनरत पीएलसी सुपवा के प्राध्यापकों ने कहा कि वह अपने मूलभूत अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, कोई भीख नहीं मांग रहे। लेकिन विवि प्रशासन ने उनकी जायज मांगों के प्रति अपनी आंखें बंद कर ली है।
शिक्षक संघ अध्यक्ष इंद्रनील घोष ने कहा कि रजिस्ट्रार ने एचफुक्टो के डॉ विकास सिवाच और शिक्षक संघ की मीटिंग के दौरान मांगों के निराकरण के लिए एक महीने का समय मांगा था। लेकिन 53 दिन बीत जाने के बाद भी कुछ हल नहीं निकाला गया।
शिक्षकों दुष्यंत, सुधीर तिरंगा, जतिंदर शर्मा, विनय कुमार, केशव कुमार, अजय बाहू, अजय यादव, अजय कुमार सिंह, महेश डीपी, दीप्ति खुराना, अनिल, अनुराधा आदि ने बताया कि शिक्षण कार्य को बाधित किए बिना लगातार आंधी, बरसात और तपती गर्मी के बावजूद अपने प्रदर्शन को जारी रखा है। लेकिन शैक्षणिक और प्रोफेशनल योग्यता रखने के बावजूद भी कला विश्वविद्यालय के शिक्षकों को यूजीसी के अनुसार वेतनमान नहीं दिया जा रहा और उन्हें सातवें वेतन आयोग के लाभ भी नहीं दिए जा रहे हैं।
शिक्षकों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार नियमित प्राध्यापकों के मूलभूत अधिकारों और सर्विस बेनिफिट की अनदेखी कर रहा है। पिछले 12 सालों से वेतन विसंगति को दूर नहीं किया जा रहा और साथ ही बिना किसी पदोन्नति के शिक्षकों के करियर को रोक दिया गया है। शिक्षक संघ ने कहा कि जब तक शिक्षकों की यूजीसी वेतनमान, 7वें सीपीसी की मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक वे इस विमर्श प्रदर्शन को जारी रखेंगे।