लगातार 113 दिनों से प्रदर्शन कर रहे सुपवा के शिक्षकों को मांगों के समाधान का इंतजार
रोहतक, गिरीश सैनी। वेतनमान व पदोन्नति की मांग को लेकर 113 दिनों से लगातार विमर्श प्रदर्शन कर रहे सुपवा के शिक्षकों को अभी भी अपनी मांगों के समाधान का इंतजार है।
सुपवा शिक्षक संघ के अध्यक्ष इंद्रनील घोष, उपाध्यक्ष दीपक सिनकर और कोषाध्यक्ष अजय यादव ने एक संयुक्त बयान में कहा कि निदेशालय के आदेश की अवहेलनाओं के बाद विवि प्रशासन के वित्त विभाग को पत्र लिखकर कहा कि पिछले कई महीनो से पुनः पद किए गए असिस्टेंट प्रोफेसरों को सातवें वेतन आयोग के अनुरूप योग्य घोषित किए जाने के बावजूद भी लंबे समय से नए आदेशानुसार सैलरी भी नहीं दी जा रही। इस संदर्भ में पहले भी कुलसचिव और कुलपति को पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से प्राध्यापकों के इंक्रीमेंट भी बिना किसी कारण के रोके गए हैं। नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई के रूप में ही इंक्रीमेंट रोके जा सकते हैं, लेकिन शिक्षकों को बिना किसी कारण एवं सूचना के कुलसचिव कार्यालय अधीन विभाग एवं वित्त विभाग ने दो साल से शिक्षकों के इंक्रीमेंट रोक दिए हैं। इस संदर्भ में दोबारा ज्ञापन दिया गया है, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
शिक्षक संघ ने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रारंभिक एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसरों को भी सर्विस अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। एक दशक से शिक्षकों के यूजीसी वेतनमान, सातवें सीपीसी और पदोन्नति जैसे मूलभूत अधिकारों के लिए मानसिक एवं वित्तीय रूप से परेशान होना पड़ रहा है। शिक्षक संघ ने कुलाधिपति और प्रदेश सरकार से गुहार लगाई कि शिक्षकों को यूजीसी व सर्विस अधिकारों से वंचित न रखा जाए। शिक्षक संघ ने जल्द से जल्द जायज मांगों का निराकरण किए जाने का अनुरोध किया।