वेतन व पदोन्नति को लेकर दो माह से प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों को अब तक नहीं मिली कोई राहत।

वेतन व पदोन्नति को लेकर दो माह से प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों को अब तक नहीं मिली कोई राहत।

रोहतक, गिरीश सैनी। पीएलसी सुपवा के प्राध्यापकों को लगातार विमर्श-प्रदर्शन करते हुए शुक्रवार को 60 दिन हो गए हैं। लेकिन अभी तक उनकी मांगों को कोई समाधान नहीं हुआ है।

शिक्षकों जितेंद्र शर्मा, अजय यादव, महेश टीपी, विनय कुमार, अजय बाहू, अनुराधा मजूमदार, केशव कुमार, अजय सिंह, दीप्ति खुराना, अली, सुधीर तिरंगा आजि का कहना है कि विश्वविद्यालय के कुलसचिव वीपी नांदल ने उनके प्रतिनिधिमंडल को एक माह के अंदर तमाम मांगों का निवारण हो जाने का आश्वासन दिया था। लेकिन यूजीसी वेतनमान जैसे मांगों का निवारण होना तो दूर, इस बीच वरिष्ठ प्राध्यापकों एवं प्रशासन के बीच खाई और अधिक बढ़ती जा रही है। वरिष्ठ प्राध्यापकों का कहना है कि जब कुलसचिव के साथ विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, एकेडमिक कोऑर्डिनेटर एवं डीन एकेडमिक अफेयर्स मिलने गए तो उनका व्यवहार अच्छा नहीं होता जिससे वरिष्ठ प्राध्यापकों में लगातार रोष बढ़ता जा रहा है।

शिक्षक संघ के अध्यक्ष इंद्रनील घोष व उपाध्यक्ष दीपक सिनकर ने कहा कि अगर प्रशासन संजीदा होता तो शिक्षकों के सर्विस बेनिफिट, यूजीसी वेतनमान और पदोन्नति जैसे मूलभूत अधिकारों को फाइलों में उलझा कर नहीं बैठता। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों को ना तो यूजीसी वेतनमान दिया जा रहा है और ना ही सातवें वेतन आयोग के लाभ उन्हें दिए जा रहे हैं। पिछले 12 वर्षों से किसी भी शिक्षक की पदोन्नति नहीं की गई। जिससे पुराने शिक्षक खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं। शिक्षकों ने विवि प्रशासन से अपनी मांगों का जल्द से जल्द निवारण किए जाने की मांग की।