शोध संस्कृति, नवाचार और तकनीकी कौशल को प्रोत्साहित करने में शिक्षक दें अपना योगदानः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

शोध संस्कृति, नवाचार और तकनीकी कौशल को प्रोत्साहित करने में शिक्षक दें अपना योगदानः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

रोहतक, गिरीश सैनी। शिक्षक किसी भी समाज की बौद्धिक नींव होते हैं। शिक्षा और शोध को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। एमडीयू को शिक्षा, शोध समेत अन्य क्षेत्रों में नेक्स्ट लेवल पर ले जाने में शिक्षक अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दें। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने डीन, विभागाध्यक्षों एवं निदेशकों की बैठक में यह बात कही।


कुलपति कार्यालय के कांफ्रेंस कक्ष में आयोजित इस विशेष बैठक में कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि शिक्षक न केवल ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि विद्यार्थियों की जिज्ञासा, रचनात्मकता और सकारात्मक सोच को भी प्रोत्साहित करता है। उन्होंने एमडीयू शिक्षकों से विवि परिसर में शिक्षा एवं शोध के अनुकूल सकारात्मक माहौल तैयार करने का आह्वान किया।


कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि विवि में शोध संस्कृति, नवाचार और तकनीकी कौशल को प्रोत्साहित करने में शिक्षक अपना योगदान दें। उन्होंने बैठक में ग्लोबल परिप्रेक्ष्य के बारे में सोचने, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों और शैक्षणिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए शिक्षकों को प्रेरित किया। कुलपति ने डीन एवं विभागाध्यक्षों से विभागों में नियमित कक्षाएं सुनिश्चित करने और कक्षाओं में स्टूडेंट इंटरेक्शन बढ़ाने की बात कही। उन्होंने परीक्षा का मूल्यांकन सही समय पर करने के दिशा-निर्देश दिए, जिससे समय पर परीक्षा परिणाम जारी हो सके।


कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने शिक्षकों से अपने ज्ञान एवं कौशल को निरंतर विकसित करने की बात कही, जिससे इसका सीधा फायदा विद्यार्थियों को हो। उन्होंने भविष्य की चुनौतियों के दृष्टिगत विद्यार्थियों के कौशल में अभिवृद्धि करने का आह्वान किया। इस बैठक में डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए.एस. मान, कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा सहित विभिन्न संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, निदेशक एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।