शोध का मुख्य उद्देश्य सत्यता, ईमानदारी, और पारदर्शिता को सुनिश्चित करनाः कुलपति प्रो एच.एल. वर्मा
रोहतक, गिरीश सैनी। स्थानीय बाबा मस्तनाथ विवि में जारी अंतर्राष्ट्रीय शॉर्ट टर्म कार्यक्रम "शोध और प्रकाशन नैतिकता" वीरवार को संपन्न हुआ। इस दौरान कुलपति प्रो एच.एल. वर्मा, मरयम अबाचा अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ नाइजीरिया (माउन) के प्रेसिडेंट प्रो मोहम्मद इसरार, रजिस्ट्रार डॉ मनोज वर्मा, डीन अकादमिक मामले डॉ नवीन कुमार, डीन छात्र कल्याण डॉ सुधीर मलिक, प्रो एस.सी. गक्खड़, प्रो बी.एम. यादव सहित अन्य डीन व विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में देश-विदेश से 500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कुलपति प्रो एच.एल. वर्मा ने कहा कि शोध का मुख्य उद्देश्य सत्यता, ईमानदारी, और पारदर्शिता को सुनिश्चित करना है। ये गुण शोध प्रक्रिया के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। यदि शोधकर्ता अपने कार्य में नैतिकता का पालन करते हैं, तो न केवल उनके कार्य की गुणवत्ता में वृद्धि होती है, बल्कि समाज और शोध समुदाय के बीच विश्वास भी बना रहता है।
प्रो मोहम्मद इसरार ने कहा कि शोध नैतिकता का संबंध उन आचरणों और सिद्धांतों से है, जिनका अनुसरण शोधकर्ताओं को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शोधकर्ताओं को अपने शोध के प्रत्येक चरण में, चाहे वह डेटा संग्रह हो, विश्लेषण हो, या निष्कर्ष हो, पूरी ईमानदारी के साथ कार्य करना चाहिए। प्रो बी.एम. यादव ने प्रकाशन नैतिकता पर जोर देते हुए बताया कि किसी भी शोध में मौलिकता, उचित लेखन क्रेडिट, सही उद्धरण, और शोध की पुनरावृत्ति से बचना अत्यंत आवश्यक है। प्रो एस.सी. गक्खड़ ने बताया कि शोध और प्रकाशन नैतिकता यह सुनिश्चित करती है कि शोध निष्पक्ष, सटीक और सत्य हो। मंच संचालन एवं आभार प्रदर्शन डॉ अरुणा अंचल ने किया।