फिर कोई शकुनि मामा का किरदार न निभा सका: गजेंद्र चौहान
आज महाभारत के कास्टिंग डायरेक्टर और इसी लोकप्रिय धारावाहिक में नेगेटिव रोल शकुनि मामा का कैरेक्टर निभाने वाले कलाकार गूफी पेंटर इस दुनिया को अलविदा कह गये । संयोगवश पर्यावरण दिवस समारोह के उपलक्ष्य में गूफी पेंटल के साथ शकुनि मामा की भूमिका निभाने वाले कलाकार नहीं रहे । तो मैंने हिसार के गुरु जम्भेश्वर विश्विद्यालय में मौजूद इनके सहयोगी कलाकार और सुपवा के कुलपति गजेंद्र चौहान से इस बारे में जानना चाहा।
-कमलेश भारतीय
आज महाभारत के कास्टिंग डायरेक्टर और इसी लोकप्रिय धारावाहिक में नेगेटिव रोल शकुनि मामा का कैरेक्टर निभाने वाले कलाकार गूफी पेंटर इस दुनिया को अलविदा कह गये । संयोगवश पर्यावरण दिवस समारोह के उपलक्ष्य में गूफी पेंटल के साथ शकुनि मामा की भूमिका निभाने वाले कलाकार नहीं रहे । तो मैंने हिसार के गुरु जम्भेश्वर विश्विद्यालय में मौजूद इनके सहयोगी कलाकार और सुपवा के कुलपति गजेंद्र चौहान से इस बारे में जानना चाहा।
चौहान ने महाभारत में युधिष्ठिर की भूमिका निभाई थी । उन्होंने कहा कि यह जानकर बहुत दुख हुआ । वे पिछले दस दिन से अस्पताल में भर्ती थे । कुछ साल पहले भी ऐसै ही ज्यादा बीमार हुए थे । तब वे हमारे बीच स्वस्थ होकर आ गये लेकिन इस बार हमारी दुआएं काम नहीं आईं । वे न केवल महाभारत के कास्टिंग डायरेक्टर थे बल्कि बहुत अच्छे कलाकार थे । उन्होंने शकुनि मामा का ऐसा रोल निभाया कि फिर कोई दूसरा कलाकार वैसा रोल न निभा पाया ! बखूबी शकुनि मामा का रोल निभाकर वे सदा हमारे दिलों में रहेंगे ! हम सन् 1983 से हम न केवल एक दूसरे से परिचित थे बल्कि पारिवारिक मित्र भी थे जो मित्रता फिल्मी दुनिया में मुश्किल से होती है । वे इतने लोकप्रिय हुए शकुनि के रोल में कि जब कहीं स्टेज प्रोग्राम भी देने जाते थे तो सबको भांजे व भांजियो कहकर संबोधित करते थे । जब डायरेक्टर रवि चोपडा को महाभारत में इनका शाॅट लेना होता था तो वह भी कहते थे -चल मामा आजा ! शाॅट है ! वैसे गूफी जितने कुटिल महाभारत के इस रोल में थे जिंदगी में इससे बिल्कुल उलट थे । हंसी मज़ाक करते , हास्य व्यंग्य कवितायें सुनाते और जरूरत पड़ने पर कलाकारों की मदद भी कर्तव्य ! उनको खोकर हमने बहुत बड़ा कलाकार खो दिया और वे हमेशा याद आते रहेंगे !