साइन लैंग्वेज में रोजगार के अपार अवसर हैः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह
रोहतक, गिरीश सैनी। साइन लैंग्वेज में रोजगार के अपार अवसर हैं। साइन लैंग्वेज सीखने के बाद शिक्षा, समाज सेवा क्षेत्र, सरकारी संस्थानों, कारपोरेट, हेल्थ, मेडिकल और कानून समेत अन्य क्षेत्रों में बेहतर करियर बनाया जा सकता है। ये बात एमडीयू के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने मंगलवार को सेंटर फॉर डिसेबिलिटी सेंटर में विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कही।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने सेंटर फॉर डिसेबिलिटी सेंटर की विजिट कर वहां संचालित कक्षाओं में विद्यार्थियों से इंटरैक्शन किया। कुलपति ने इन स्पेशल विद्यार्थियों से उनके जीवन उद्देश्यों और करियर को लेकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि आज के समय में साइन लैंग्वेज की विशेष महत्ता है, इसमें महारत हासिल करके देश के साथ-साथ विदेशों में भी रोजगार के सुनहरे अवसर मौजूद हैं।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने साइन लैंग्वेज सीखने वाले विद्यार्थियों को भाषा पर पकड़ बनाने, हिन्दी, अंग्रेजी के साथ-साथ अन्य भाषाओं को सीखने के लिए मोटिवेट किया। उन्होंने कहा कि संकेतों को समझने और समझाने में माहिर होना करियर के नए रास्ते खोल सकता है। उन्होंने कहा कि सांकेतिक भाषा के जरिए इंटरप्रेटर बनकर मूक-बधिर आबादी को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की दिशा में अहम योगदान दिया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से विभाग बारे फीडबैक प्राप्त की।
सेंटर फॉर डिसेबिलिटी सेंटर की निदेशिका डा. प्रतिमा रंगा ने कुलपति को सीडीएस में संचालित पाठ्यक्रमों एवं भविष्य की योजनाओं बारे जानकारी दी। इस दौरान पूर्व निदेशक सीडीएस प्रो. राधेश्याम, उप निदेशक डा. कपिल मल्होत्रा, सीडीओई निदेशक प्रो. नसीब सिंह गिल, प्राध्यापक डा. योगेन्द्र सिंह, पीआरओ पंकज नैन सहित सीडीएस के प्राध्यापक, स्टाफ एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।