जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हैं समाज कार्य की अपार संभावनाएं- डॉ शरणजीत कौर

12वीं इंडियन सोशल वर्क कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ।

जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हैं समाज कार्य की अपार संभावनाएं- डॉ शरणजीत कौर

रोहतक, गिरीश सैनी। जीवन में आगे बढ़ना चाहें तो सभी द्वार खुल जाते हैं और व्यवस्था बन जाती है, जरूरत है तो सिर्फ लक्ष्य निर्धारित कर उस पर पूरी मेहनत से काम करने की। यह उद्गार भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्षा डॉ शरणजीत कौर ने बीपीएस महिला विवि में आयोजित 12वीं इंडियन सोशल वर्क कॉन्फ्रेंस-2024 का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किए।

महिला विवि के समाज कार्य विभाग तथा नेशनल एसोसिएशन ऑफ प्रोफेशनल सोशल वर्कर्स इन इंडिया (एनएपीएसडब्लयूआई) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ शरणजीत कौर ने कुलपति प्रो सुदेश एवं अन्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलित कर किया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन का विषय ‘महिला सशक्तिकरण एवं सामाजिक कल्याण में समाज कार्य का योगदान' है।

मुख्य अतिथि डॉ शरणजीत कौर ने अपने प्रभावशाली संबोधन में कहा कि समाज कार्य हमारे खून में है, हम बचपन से ही समाज कार्य करते हुए बड़े होते हैं। उन्होंने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समाज कार्य की अपार संभावनाओं पर चर्चा करते हुए समाज कार्य के विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वह समाज में बदलाव लाएं। उन्होंने कहा कि खुद को समाजसेवी कहना आसान है, लेकिन वास्तविक समाज कार्य करना अत्यंत मुश्किल है। डॉ शरणजीत कौर ने कहा कि बेचारगी से विकास संभव नहीं है। हमें चैरिटी को छोड़ते हुए अपना दायरा विस्तृत करना होगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं को और अधिक जिम्मेवारी के साथ कार्य करने की जरूरत है, क्योंकि वह अपने परिवार, बच्चों व समाज के लिए एक मिसाल हैं। उन्होंने छात्राओं को जीवन में समय की अहमियत समझते हुए इसका सदुपयोग करने के लिए प्रेरित किया। डॉ शरणजीत कौर ने डिसेबिलिटी के क्षेत्र में समाज कार्य की भूमिका पर एक गहन चिंतन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि हमें डिसेबिलिटी को स्वीकारते हुए मूल व्यवस्था का हिस्सा बनाना होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महिला विवि की कुलपति प्रो सुदेश ने इस आयोजन के लिए समाज कार्य विभाग को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि महिला विवि अपने आप में जन भागीदारी और समाज कार्य की जीवंत मिसाल है। उन्होंने समाज कार्य में उच्च शिक्षण संस्थाओं की अहम भूमिका को रेखांकित किया तथा कहा कि ये सम्मेलन छात्राओं के ज्ञानवर्धन में सहायक सिद्ध होगा।

प्रारंभ में आयोजन सचिव एवं समाज कार्य विभागाध्यक्षा डॉ मंजू पंवार ने स्वागत संबोधन किया तथा कार्यक्रम की रूपरेखा साझा की। डीन, फैकल्टी आफ सोशल साइंस प्रो रवि भूषण ने अपने संबोधन में महिला सशक्तिकरण में बीपीएस महिला विवि के योगदान की जानकारी दी। एनएपीएसडब्लयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो आर.पी. त्रिवेदी ने अपने संबोधन में एनएपीएसडब्लयूआई के 20 वर्ष के इतिहास एवं गतिविधियों पर प्रकाश डाला। इस दौरान सम्मानित अतिथियों द्वारा कार्यक्रम की स्मारिका का विमोचन भी किया गया।

बतौर वक्ता, जामिया मिलिया इस्लामिया से प्रो नीलम शुक्रमणि ने वास्तविक सशक्तिकरण की जरूरत पर बल दिया और कहा कि शैक्षणिक उत्कृष्टता के बावजूद भी अधिकांश महिलाएं जीवन की दिशा निर्धारण के फैसले अकेले नहीं ले पाती, इस पर मंथन की आवश्यकता है। उन्होंने प्रतिष्ठित कॉर्पोरेट दिग्गज इंद्रा नूयी का उदाहरण भी दिया।

इस सम्मेलन में भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्षा डॉ शरणजीत कौर, डॉ मंजू बाला जोशी, प्रो उमा एवं डॉ ओ.पी. गिरी को एनएपीएसडब्लयूआई लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। एंटरप्रेन्योर रवि गुप्ता को यंग प्रोफेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया। प्रो. संजय भट्ट ने भी उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। एनएपीएसडब्लयूआई के कार्यकारिणी सदस्य प्रो केशव वाल्के ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम संचालन डॉ दीपाली माथुर ने किया। उद्घाटन सत्र का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। सम्मेलन के विभिन्न तकनीकी सत्रों में विषय से संबंधित विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों के साथ समाज कार्य से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की।