आर्थिक पुनर्जागरण के लिए समग्र कल्याणकारी नीतियां तथा कार्यक्रम सृजित किए जाने की जरूरतः प्रो अरुण कुमार
रोहतक, गिरीश सैनी। आज युवा वर्ग के समक्ष सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। बेरोजगारी के समाज-राष्ट्र में सामाजिक - आर्थिक - राजनीतिक प्रभाव भी हैं। वैश्विक स्तर पर राजनीतिक- आर्थिक-भू सामरिक अनिश्चितता भी इस समस्या को बढ़ा रही है। ऐसे में जरूरत है कि आर्थिक पुनर्जागरण के लिए समग्र कल्याणकारी नीतियां तथा कार्यक्रम सृजित किए जाएं। ये विचार प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (नई दिल्ली) के अर्थशास्त्र के सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ अरुण कुमार ने डेमोक्रेटिक फोरम (रोहतक) के तत्वावधान में आयोजित विशेष व्याख्यान कार्यक्रम एवं जन संवाद में व्यक्त किए।
प्रो अरुण कुमार ने अपने विद्वता पूर्ण व्याख्यान में डिकोडिंग फाइव ट्रिलियन इकोनामी विषय पर प्रकाश डाला। प्रो अरुण कुमार ने कहा कि 1991 में हुए आर्थिक प्रतिमान बदलाव के चलते आर्थिक नीतियां बाजार-उन्मुख हो गई हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्तावाद समाज पर हावी है। समाज का बड़ा तबका, जो कि असंगठित क्षेत्र है, आर्थिक विकास के केंद्र में नहीं है। दक्षिण कोरिया में बड़े कॉरपोरेट घराने चाइबोल सरीखा मॉडल भारत में भी बनता जा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों समेत अन्य आर्थिक संभावनाओं पर कब्जा जमाने का रुझान बड़े कॉरपोरेट घरानों का है।
प्रो अरुण कुमार ने डिमॉनेटाइजेशन, जीएसटी, नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल सेक्टर तथा क्रोनी कैपिटलिज्म विषयों पर प्रकाश डाला, तथा संपूर्ण आर्थिक परिदृश्य का विहंगम दृश्य अपने व्याख्यान में प्रस्तुत किया। जन आंदोलनों के जरिए जन-उन्मुख कल्याणकारी सामाजिक आर्थिक नीतियों को लागू करने की पहल की वकालत प्रो अरुण कुमार ने की। उन्होंने उपस्थित जन के सवालों के जवाब दिए।
डेमोक्रेटिक फोरम रोहतक के संयोजक एमडीयू अर्थशास्त्र विभाग के सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ सुरेंद्र कुमार ने डेमोक्रेटिक फोरम के इतिहास तथा पूर्व उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि महत्वपूर्ण सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक-राजनीतिक समसामयिक विषयों पर विचार गोष्ठियों, पब्लिक टॉक, आदि का आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रतिष्ठित समाजसेवी, चिकित्सक डॉ रणवीर सिंह दहिया ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाने के लिए जनमत का निर्माण करना होगा तथा जनमानस को जन मुहिम के जरिए जोड़ना होगा। कार्यक्रम संचालन टीचर एक्टिविस्ट डॉ नरेंद्र चाहर ने किया।
स्थानीय नितानंद पब्लिक स्कूल में आयोजित इस कार्यक्रम में रोहतक के सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी, जन सरोकार से जुड़े नागरिक शामिल हुए।