मूल्य आधारित परंपरागत शिक्षा में तकनीक का समावेश किए जाने की जरूरतः कुलपति प्रो सुदेश
बीपीएसएमवी में शैक्षणिक उत्कृष्टता पर कार्यशाला आयोजित।
खानपुर कलां, गिरीश सैनी। शिक्षा विभाग की छात्राएं शिक्षण व्यवसाय की गरिमा को बनाए रखते हुए देश के उत्थान में हर संभव योगदान दें। वर्तमान समय शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का समय है। आज जरूरत है कि मूल्य आधारित परंपरागत शिक्षा में तकनीक का समावेश किया जाए। यह उद्गार बतौर मुख्य अतिथि, भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुदेश ने शिक्षा विभाग में 'शैक्षणिक उत्कृष्टता - सूक्ष्म और वृहद शिक्षण' विषय पर आयोजित कार्यशाला में भावी शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
कुलपति प्रो सुदेश ने कहा कि बदलते वक्त के साथ देश में शिक्षण व्यवस्था बेहतर हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की गई है, जिससे शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन आए हैं। कुलपति ने छात्राओं का आह्वान किया कि वे विशेष रूप से संवाद कौशल एवं व्यवहार कौशल में बढ़ोत्तरी कर सामाजिक सरोकार में अपनी ऊर्जा लगाएं। कुलपति ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और नई शिक्षण पद्धति को अपनाकर छात्राएं आत्मनिर्भर होने की दिशा में आगे बढ़ सकती हैं। कुलपति प्रो सुदेश ने कार्यशाला के विषय की सराहना करते हुए आयोजक टीम को बधाई व शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम के प्रारंभ में शिक्षा विभाग की अध्यक्षा डॉ अनु बल्हारा ने पुष्प गुच्छ भेंट कर कुलपति प्रो सुदेश का स्वागत किया। कार्यशाला के कन्वीनर डॉ सुशील ने कार्यशाला की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला। मंच संचालन डॉ गोल्डी गुप्ता ने किया। इस अवसर पर कार्यशाला की प्रतिभागी छात्राओं ने अपना फीडबैक भी साझा किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ सरला ने आभार व्यक्त किया।
इस कार्यशाला में लगभग 150 छात्राएं हिस्सा ले रही हैं। इस दौरान शिक्षा संकाय की डीन डॉ सुमन दलाल, निदेशक जनसंपर्क ले. कर्नल (डॉ.) अनिल बल्हारा सहित शिक्षा विभाग के प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।