भारत में अभिव्यक्ति की आजादी का संविधान में प्रावधान हैः राज्यपाल विश्वाभूषण हरिचंदन
सातवें नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव 2023 में लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण में मीडिया की भूमिका को किया रेखांकित।
भुवनेश्वर, गिरीश सैनी। मीडिया, लोकतंत्र तथा डिजिटल टेक्नोलॉजी के इंटरफेस पर फोकस करते हुए तथा लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण में मीडिया की भूमिका को सातवें नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव 2023 में रेखांकित किया गया।
आईएमएस (भुवनेश्वर) द्वारा आयोजित किए जा रहे इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय मीडिया कॉन्क्लेव का शुभारंभ मंगलवार को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वाभूषण हरिचंदन ने किया। राज्यपाल ने भारत को विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण में मीडिया की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत में अभिव्यक्ति की आजादी का संविधान में प्रावधान है। उन्होंने कहा कि आपातकाल में लोकतंत्र तथा मीडिया पर अंकुश लगाया गया, परंतु यह दौर भी जनमानस के सतत संघर्ष के चलते खत्म हुआ। इस संदर्भ में मीडिया स्वतंत्रता तथा लोकतांत्रिक मूल्यों के संघर्ष में उत्कल केसरी हरे कृष्णा महताब की भूमिका का स्मरण विश्वाभूषण हरिचंदन ने किया।
इस राष्ट्रीय मीडिया कॉन्क्लेव के मुख्य आयोजक निदेशक आईएमएस प्रो उपेंद्र पाढी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि मीडिया शिक्षा, मीडिया व्यवसाय तथा मीडिया शोध के क्षेत्र में नवीनतम रुझानों पर मंथन इस राष्ट्रीय मीडिया कॉन्क्लेव में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का मुख्य थीम - डिजिटेक मीडिया एवं लोकतंत्र है।
संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में अध्यक्षीय भाषण देते हुए उत्कल विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर प्रो सविता आचार्य ने कहा कि डिजिटेक का उपयोग लोकतंत्र में जनोन्मुखी कार्यक्रम तथा नीतियों के सृजन में किया जाना चाहिए।
इस संगोष्ठी में प्रारंभिक टिप्पणी करते हुए मणिपाल एकेडमी आफ हायर एजुकेशन के प्रोफेसर डॉ बीपी संजय ने कहा कि आज का दौर यूजर-जनरेटेड कंटेंट का है। परंतु ये महत्वपूर्ण है कि क्या यह कंटेंट लोकतंत्र को सुदृढ़ कर रहा है या फिर लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है।
उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण ऑनलाइन माध्यम से देते हुए एशियन मीडिया इंर्फोमेशन एंड कम्युनिकेशन सेंटर के महासचिव प्रो रेमोन गुपलेदम आर तुआजोन ने कहा कि डिजिटेक का इस्तेमाल खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, कृषि उत्पादन आदि में किया जाना चाहिए। उन्होंने पूरे विश्व में अभिव्यक्ति की आजादी तथा मीडिया की आजादी में गिरावट पर गहन चिंता व्यक्त की।
आभार प्रदर्शन मीडिया कॉन्क्लेव के आयोजन सचिव मनोरंजन पांडा ने किया। मंच संचालन देवलानी मुखर्जी ने किया। मीडिया कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र में प्रतिष्ठित मीडिया शिक्षक प्रो के बी नागराज को मीडिया शिक्षण क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
प्रो के बी नागराज ने संगोष्ठी के दूसरे सत्र में प्रो सुनील कांत बेहेरा स्मृति व्याख्यान दिया। प्रो नागराज ने मीडिया शिक्षण में टेक्नोलॉजी के बढ़ रहे हस्तक्षेप के विविध आयामों पर प्रकाश डाला।
संगोष्ठी में प्रो बी एल ठाकुर तथा प्रो फकीर मोहन नाहक द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन किया गया। नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव के पहले दिन दो विशेष सत्र आयोजित किए गए। पूरे देश से लगभग ढाई सौ डेलिगेट्स इस संगोष्ठी में भाग ले रहे हैं। प्रतिष्ठित मीडिया विद्वान, शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी, मीडिया कर्मी इस संगोष्ठी में शामिल हैं।