फोटोनिक्स एंड मैटेरियल साइंस में रोजगार, नवाचार तथा रोजगार की अपार संभावनाएं हैः कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई
हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि फोटोनिक्स एंड मैटेरियल साइंस विकसित भारत के सपने को पूरा करने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे। फोटोनिक्स एंड मैटेरियल साइंस में वैश्विक स्तर पर तेजी से बदलाव आ रहे हैं। दोनों ही क्षेत्रों में रोजगार, नवाचार तथा रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई वीरवार को फिजिक्स विभाग के सौजन्य से फोटोनिक्स एंड मैटेरियल साइंस (एनसीपीएमएस-2024) विषयक दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सीएसआईआर-एनपीएल, नई दिल्ली के सीनियर प्रिंसिपल वैज्ञानिक डा. बिपिन कुमार गुप्ता उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता थे। अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. आशीष अग्रवाल ने की।
मुख्य वक्ता डा. बिपिन कुमार गुप्ता ने इंडिजिनियस डेवलपमेंट ऑफ स्ट्रेटिजिक ल्युमिनिसेंट मेटीरियल्स फॉर सोशल बेनिफिट्स टू मेक सेल्फ रिलाएंट इंडिया विषय पर अपना संबोधन दिया। उन्होंने बताया कि विज्ञान तकनीक को जन्म देती है तथा तकनीक किसी भी राष्ट्र के विकास का मुख्य रास्ता है। डा. बिपिन कुमार गुप्ता ने कहा कि फोटोनिक्स एवं मटेरियल साइंस भारत के समग्र विकास में सेतु का काम कर सकती हैं। इन तकनीकों के स्वास्थ्य, ऊर्जा, पर्यावरण तथा अन्य संबंधित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। उन्होंने कहा कि भारत में स्वदेशी तकनीक तेजी से विकसित हो रही हैं। पहले हम विदेशी स्याही से नोट छापते थे। अब भारतीय स्याही से ही नोट छापे जाते हैं। इसी प्रकार चुनाव के दौरान उंगली पर लगायी जाने वाली स्याही भी नए तरीके से विकसित की जा रही है, जिसे हटाया नहीं जा सकेगा व सामान्य आंखों से दिखाई भी नहीं देगी।
कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने बताया कि इस नेशनल कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश से 150 डेलीगेट्स भाग ले रहे हैं।
विभागाध्यक्ष प्रो. आशीष अग्रवाल ने अपने स्वागत संबोधन में भौतिकी विभाग तथा कॉन्फ्रेंस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर कॉन्फ्रेंस से संबंधित एक विवरणिका का विमोचन भी किया गया। धन्यवाद संबोधन कांफ्रेंस के आयोजन सचिव डा. रमेश कुमार ने किया। वीरवार को सिंगापुर से प्रो. उमेश तिवारी, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली से प्रो. पी.डी. सहारे, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली से प्रो. केदार सिंह, एनआईटी कुरुक्षेत्र से प्रो. अश्वनी कुमार, कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र से प्रो. फकीर चंद तथा आईआईटी गुवाहाटी से प्रो. गगन कुमार ने अपने विशेषज्ञ संबोधन दिए।