समाचार विश्लेषण/इमेज बनाने के अलावा बहुत कुछ है
-कमलेश भारतीय
प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर ने बड़ी काम की बात कही है कि इमेज बनाने के अलावा भी ज़िंदगी में बहुत कुछ है । हालांकि अनुपम खेर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल बांधने के लिए जाने जाते रहे हैं और यहां तक कि एक फिल्म भी बनाई एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्ट्रर । इसकी कड़ी आलोचना भी हुई और चुनाव के दौरान कांग्रेस ने इसको रिलीज भी नहीं होने दिया । उन्होंने कहा कि कोविड संकट से निपटने में सरकार कहीं चूकी है । फिलहाल उनके लिए यह समझने का समय है कि छवि बनाने के अलावा जीवन में और भी बहुत कुछ है । उन्होंने यह भी माना कि ज्यादातर मामलों में सरकार की आलोचना जायज थी ।
देखिए , अनुपम खेर का इस सच्चाई को स्वीकार करना बहुत बड़ी बात है । वे हर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रहे और जम्मू कश्मीर मसले पर भी विस्थापित कर्मचारियों के लिए की जाने वाली योजनाओं में बढ़ चढ़ कर साथ देते आ रहे हैं लेकिन कोविड से निपटने के लिए सरकार द्वारा किये गये उपायों को नाकाफी मानते हुए आलोचना भी कर दी ।
अब तक विपक्षी दल ही कहते आए कि यह भाजपा सरकार इवेंट मैनेजमेंट सरकार है। हरिराणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तो चुनाव प्रचार में इसे खुल कर इवेंट मैनेजमेंट पार्टी कहते आ रहे हैं । आप ध्यान दीजिए कि किस तरह मीडिया को मैनेज कर कैसे निगेटिव रिपोर्ट्स को भी अपने हक में करने का हुनर जानते हैं । अच्छे दिन आने वाले हैं ,,,का ऐसा सुंदर सपना दिखाया कि अच्छे दिन आए ही नहीं । पंद्रह लाख रुपये किसी को मिले ही नहीं । गैस सिलेंडर के रेट आसमान छूने लगे लेकिन मीडिया पर उज्ज्वला योजना की बल्ले बल्ले होती रही । पेट्रोल और डीज़ल के रेट भी चुनाव परिणाम घोषित होते ही बढ़ा दिये गये । चुनाव परिणाम के तुरंत बाद कोरोना की सुध लेने आगे आए और लाॅकडाउन के साथ साथ टीका उत्सव की चारों ओर धूम मच गयी । कमाल की मैनेजमेंट है । इवेंट मैनेजमेंट के गुरु हैं । यह बात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी खुले दिल से स्वीकार करते हैं और अन्य दल भी कि भाजपा इवेंट मैनेज करने में माहिर है। दूसरों की इमेज गिराने में भी माहिर है । राहुल गांधी की पप्पू की इमेज किसने बनाई ? मीडिया मैनेजमेंट ने ही । ममता बनर्जी ने उसी प्रशांत किशोर की सेवायें लीं जिसने अच्छे दिन आने वाले हैं को प्रचार दिया था और अपनी इमेज सुधार ली । दो वर्षों में ही अपनी गिरती लोकप्रियता को संभाल लिया । अब अनुपम खेर ने सच का आइना दिखा दिया है ।
हरियाणा में राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा भी कोरोना से लड़ने में अपना पूरा योगदान दे रहे हैं लेकिन चैनल की नज़र उनके काम पर नहीं पड़ी क्योंकि यह परिवार इवेंट मैनेजमेंट करने की जरूरत ही नहीं समझता । सोनू सूद की हर जगह बल्ले बल्ले हो रही है और एयरलिफ्ट तक की खबर तुरंत वायरल हो जाती है । यदि भाजपा अब भी इमेज बनाने की बजाय कोरोना से लड़ने को प्राथमिकता दे तो अनुपम की बात सच हो जाये कि इमेज बिल्डिंग की बजाय जिंदगी में और भी बहुत कुछ है ...
और भी गम हैं
जमाने में
इमेज बनाने के सिवा ...
और भी गम हैं जमाने में
मोहब्बत के सिवा