समाचार विश्लेषण/ये तरीके आपको शोभा तो नहीं देते
आप को पंजाब में बम्पर सफलता क्या मिली , यह तो सिर चढ़कर बोलने लगी । जो अरविंद केजरीवाल यह कह रहे थे कि विरोधियों पर कोई कार्रवाई नहीं की आयेगी , वही केजरीवाल गाजियाबाद में कुमार विश्वास के घर नोटिस चिपकाने गयी पंजाब पुलिस पर चुप क्यों हैं ? जो केजरीवाल बड़े मासूम से दिखते हैं , वे अलका लाम्बा पर दर्ज केस पर कुछ कह क्यों नहीं रहे ? भाजपा के तेजेंद्र और नवीन जिंदल पर भी केस बनाये गये हैं , क्यों चुप हो आप ?
-*कमलेश भारतीय
आप को पंजाब में बम्पर सफलता क्या मिली , यह तो सिर चढ़कर बोलने लगी । जो अरविंद केजरीवाल यह कह रहे थे कि विरोधियों पर कोई कार्रवाई नहीं की आयेगी , वही केजरीवाल गाजियाबाद में कुमार विश्वास के घर नोटिस चिपकाने गयी पंजाब पुलिस पर चुप क्यों हैं ? जो केजरीवाल बड़े मासूम से दिखते हैं , वे अलका लाम्बा पर दर्ज केस पर कुछ कह क्यों नहीं रहे ? भाजपा के तेजेंद्र और नवीन जिंदल पर भी केस बनाये गये हैं , क्यों चुप हो आप ?
विरोधियों को इस तरह दबाने की कार्रवाई करने से आप की छवि ही धूमिल होगी न कि इससे कोई आपकी लोकप्रियता का ग्राफ ऊंचा उठेगा । पंजाब की कमान अप्रत्यक्ष रूप से अपने हाथ में लेने और पंजाब के उच्चाधिकारियों के साथ दिल्ली में बैठक करने पर आप पहले ही आलोचना के केंद्र में आ चुके हैं । अब विरोधियों पर केस बनाने और उन्हें परेशान करने से कोई बड़ी तोप नहीं बन जाओगे । अभी आप अपने आपको प्रधानमंत्री मोदी का विकल्प बनाने की कोशिश में हो तो कम से कम अपने व्यवहार और कार्यशैली को तो परख लो । ईडी या अन्य एजेंसियों के छापे ऐन चुनाव के समय आप सही मानते हो ? चुनाव के बाद विरोधियों पर केस दर्ज करवाने भी उसी श्रेणी में आते दिख रहे हैं । माना कि कुमार विश्वास ने आप पर बयानबाजी की थी और आतंकियों के निकट करार दिया था लेकिन आपने कम जवाब तो नहीं दिया था बल्कि आपकी ओर से पंजाब की जनता ने ही भाजपा को करारी हार से जवाब दे दिया था । अलका लाम्बा भी कभी आपकी ही विधायक थी लेकिन फिर कांग्रेस प्रेम जागा और लौट गयी । विधायक भी न बन पाई , यह सजा क्या कम है ? अब इन केस करने की कार्रवाई से क्यों बदनामी मोल लेने पर तुले हो ?
सच में दो राजाओं की बातचीत की याद आ रही है । जब एक ने दूसरे से हार के बाद पूछा था कि बोल , क्या सुलूक किया जाये ? तब हारे हुए राजा ने स्वाभिमान से कहा था जो एक राजा को दूसरे राजा के साथ करना चाहिए । यह बहुत बड़ा उदाहरण है । आप भी ऐसा उदार व्यवहार कर सकते हो । अभी उत्तरप्रदेश में कोई भी विरोधी नेता जाता है विरोध के लिए तो उसे सीमाओं पर ही रोक लिया जाता है । अब यही व्यवहार राजस्थान हरकार ने भी भाजपा नेताओं के साथ किया । पर यह बहुत गलत व्यवहार है । सभी को विरोध करने का अधिकार है । आप इस तरह केस दर्ज करवा कर कोई अच्छा उदाहरण नहीं दे रहे । पुनर्विचार कीजिए केजरीवाल जी ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।