गुजवि में आईसीईएमक्यूपी-2024 विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विवि के भौतिकी विभाग के सौजन्य से 'इमर्जिंग मेटीरियल्स एंड क्वांटम फोटोनिक्स' (आईसीईएमक्यूपी-2024) विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन गुजवि की प्रथम महिला डॉ. वंदना बिश्नोई ने मुख्य अतिथि के रूप किया। इस दौरान वीना छोकर, संरक्षक प्रो. देवेन्द्र मोहन, डीन फैकल्टी ऑफ फिजिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रो. सुजाता सांघी, संयोजक प्रो. आशीष अग्रवाल, प्रो. अंजु गुप्ता व डॉ. रमन मौजूद रहे।
डॉ. वंदना बिश्नोई ने कहा कि इस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम विद्यार्थियों के समग्र विकास में सहायक होते हैं। विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी अवश्य भाग लेना चाहिए। इस कार्यक्रम में लावणी डांस, हरियाणवी डांस, हरियाणवी रागनी, भांगड़ा व कोरियोग्राफी की प्रस्तुतियां दी।
कार्यक्रम संयोजक प्रो. आशीष अग्रवाल ने बताया कि सम्मेलन के विभिन्न तकनीकी सत्रों में विषय विशेषज्ञ एनपीएल नई दिल्ली से डा. विपिन गुता ने '2डी क्वांटम मेटीरियल्स : ए न्यु अप्रोच बियोंड नेनो मेटीरियल्स फॉर टेटराहर्टस एप्लेकेशंस', केंद्रीय विवि हरियाणा, महेंद्रगढ़ से प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने 'इंट्रिजिंग वर्ल्ड ऑफ क्वांटम डॉटस', आईआईटी गुवाहाटी से प्रो. गगन कुमार ने 'डिजाइन स्ट्रेटेजीज ऑफ ब्रोडबेंड टेराहर्टस मेटासर्फेस यूजिंग मशीन लर्निंग', आईयूएसी नई दिल्ली से डॉ. सर्वेश कुमार ने 'चार्जड पार्टिकल एक्सेलेटर : एन इंट्रोडक्शन टू एक्सपेरिमेंटलिस्ट', यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज यूके से डा. वलाडिसला मिचेलियो ने 'टेरा हर्ट्ज फिजिक्स : नोवल फोटोनिक डिटेक्टर्स मेटामैटेरियल मोडुलेटर एंड वेव गाइड ऑप्टिक्स', सीएसआईओ चंडीगढ़ से डा. राज कुमार ने 'डेवलपमेंट एंड एप्लीकेशन ऑफ फोटो पॉलीमर एज होलोग्राम रिकॉर्डिंग मेटीरियल', यूनिवर्सिटी ऑफ वोलवरहेमटन यूके से डा. किरन गुलिया ने 'एआई ऑन एआई एक्शन : मेटामेटीरियल्स पॉवरिंग ना नेक्सट जेनरेशन न्यूरोमोफिक चिप्स', कुरूक्षेत्र विवि से प्रो. आर.के. मुदगिल ने 'क्वांटिटेटिव असेसमेंट ऑफ एक्सचेंज कोरिलेशंस वाया कुलमड्रेग इन इलेक्ट्रोन-इलेक्ट्रोन एंड इलेक्ट्रोन-होल बाय लेयर्स' विषय पर व्याख्यान दिया।
इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों द्वारा मौखिक तथा पोस्टर प्रस्तुतियां दी गई। मूल्यांकन समिति में प्रो. सतीश खासा, प्रो. आर.के. मुदगिल, प्रो. फकीर चंद व डॉ. रवि भाटिया शामिल रहे।