लुवास में मुंह एवं खुर रोग पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू।

जम्मू, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली से 18 पशु चिकित्सक भाग ले रहे

लुवास में मुंह एवं खुर रोग पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू।

हिसार,  गिरीश सैनी । लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय के पशुचिकित्सा सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय मुंह-खुर रोग अनुसंधान केंद्र एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय खुरपका मुंहपका रोग संस्थान, भुवनेश्वर, उड़ीसा द्वारा तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यकम का आयोजन कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा के नेतृत्व में किया जा रहा है ।

मुंह एवं खुर रोग विषाणु वाहक पशुओं के कंठनली द्रव (ओपीएफ) संग्रह, प्रेषण और अनुवर्ती पर देशव्यापी क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम विषयक इस प्रशिक्षण के उद्घाटन के दौरान कुलपति प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार वर्मा ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए बताया कि विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन के निर्देश अनुसार मुंह एवं खुर रोग की रोकथाम हेतु पशुधन की कंठनली से द्रव्य के नमूनों की विषाणु जांच अति आवश्यक है। उन्होंने आशा जताई कि इस प्रशिक्षण में विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागी, अपने राज्य में मास्टर ट्रेनर के रूप में मुंह-खुर की रोकथाम में अहम भूमिका निभाएंगे।

पशुचिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ गुलशन नारंग ने बताया कि इस प्रशिक्षण में उत्तर भारत के जम्मू, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली से 18 पशु चिकित्सक भाग ले रहे हैं।

पाठ्यक्रम के संयोजक एवं विभागाध्यक्ष, डॉ. राजेश ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए विभाग के अनुसंधान, शिक्षण, विस्तार और मानव संसाधन विकास गतिविधियों का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि पशु चिकित्सा सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय मुंह-खुर रोग अनुसंधान केंद्र के द्वारा करवाया जाने वाला यह दूसरा प्रशिक्षण कार्यक्रम है। इस दौरान राष्ट्रीय संस्थान खुरपका मुंहपका रोग, भुवनेश्वर से डॉ. राजीव रंजन तथा मुक्तेश्वर, उत्तराखंड से डॉ. आदित्य प्रसाद साहू प्रशिक्षण देंगे।

कोर्स समन्वयक एवं परियोजना अन्वेषक डॉ. स्वाति दहिया ने बताया कि इस प्रशिक्षण से अंततः रोग मुक्त क्षेत्रों की योजना बनाने में मदद मिलेगी ताकि राज्य के किसानों की आय बढ़ाने के लिए पशु और पशु उत्पादों का निर्यात किया जा सके। इस मौके पर अनुसंधान निदेशक, डॉ नरेश जिंदल, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर अध्ययन, डॉ मनोज कुमार रोज़, कुलसचिव एवं निदेशक मानव संसाधन प्रबंधन, डॉ एस एस ढाका, निदेशक छात्र कल्याण एवं संपदा अधिकारी, डॉ डी एस दलाल , निदेशक, पेरा वेटरनरी संस्थान डॉ एस पी दहिया, वैज्ञानिक, डॉ. अखिल कुमार गुप्ता, डॉ. नरेश कुमार कक्कड़, डॉ सुरेंदर कादियान, डॉ. प्रवीन कुमार, डॉ. महावीर सिंह, डॉ. संजीवना, डॉ. अनीता दलाल एवं विद्यार्थी मौजूद रहे ।