तीन साहित्यिक पुस्तकों का विमोचन व काव्य गोष्ठी हुई
प्रीत साहित्य सदन द्वारा इस बार कर्मठ हिंदी सेवी यशपाल बांगिया की नई पुस्तक जीवन ज्योति अथवा फिल्मों से जुड़े ललित बेरी की दो पुस्तकें (कर्म मेव जयते) अतः अंग्रेजी की पुस्तक रेनबो ऑफ़ इमोशंस पर बेनु सतीश कांत अथवा रमा शर्मा ने अपने अपने दृष्टिकोण से पुस्तकों का विश्लेषण किया।
जीवन ज्योति पुस्तक पर श्रद्धा शुक्ला ने बड़ी रोचकता से पुस्तक के सारांश को पाठकों के सामने प्रस्तुत किया।
तदोपरांत दोनों लेखकों ने अपनी अपनी रचना प्रक्रिया द्वारा सभी को अपने अनुभवों से अवगत कराया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर अनु शर्मा कौल ने की की जबकि मुख्य अतिथि के रूप में यश पाल छाबड़ा उपस्थित हुए।
मंच संचालन करते हुए डॉक्टर संजीव डाबर ने अनेक कवियों द्वारा नव वर्ष की कविताओं से कार्यक्रम को खूबसूरती दी।
धन्यवाद ज्ञापन में मनोज प्रीत ने कहा कि ऐसे नियमित कार्यक्रम पुस्तक संस्कृत को समाज से जोड़ने का हमारा प्रयास है आता है उन्होंने सभी का धन्यवाद किया।