तनाव एवं अवसाद से बचने के लिए स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना होगाः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में रीतू प्रथम, जिज्ञासा व नेहा द्वितीय।
रोहतक, गिरीश सैनी। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के उपलक्ष्य में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा पोस्टर मेकिंग एवं स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इन गतिविधियों के माध्यम से मनोविज्ञान विभाग द्वारा विद्यार्थियों एवं एमडीयू समुदाय को आत्महत्या रोकने का सार्थक संदेश दिया गया।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने बतौर मुख्यातिथि इस कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहा कि जीवन अनमोल है, इसे आत्महत्या की बजाए जिंदादिली से जीते हुए सार्थक बनाएं। कुलपति ने कहा कि आत्महत्या एक गंभीर मुद्दा है और इसकी रोकथाम बारे जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में तनाव एवं अवसाद से बचने के लिए स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना होगा। कुलपति ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए मनोविज्ञान विभाग को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. सर्वदीप कोहली ने स्वागत भाषण दिया और विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की महत्ता एवं उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों को स्वयं शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक तौर पर स्वस्थ रहने एवं अपने आसपास के लोगों का भी ध्यान रखने की बात कही। सहायक प्रोफेसर डॉ. शशि रश्मि ने इस कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वय किया।
मनोविज्ञान विभाग के प्राध्यापक प्रो. सोनिया मलिक, प्रो. शालिनी सिंह तथा प्रो. दीप्ति हुड्डा ने पोस्टर मेकिंग तथा स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में 69 तथा स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता में 45 प्रतिभागियों ने भाग लिया। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में जेनेटिक्स विभाग की रीतू ने प्रथम, मनोविज्ञान विभाग की जिज्ञासा तथा नेहा ने दूसरा तथा दृश्य कला विभाग की तन्नू ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
स्लोगन राइटिंग में मनोविज्ञान विभाग के दिव्यांशु प्रथम, निधि दूसरे तथा राजनीति विज्ञान विभाग के योगेश तीसरे स्थान पर रहे। मनोविज्ञान विभाग की सोनिया को सांत्वना पुरस्कार मिला। कार्यक्रम के अंत में सभी विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर सामाजिक विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो. के.एस. चौहान, सीसीपीसी निदेशक प्रो. सुमित गिल, शिक्षा विभागाध्यक्ष डॉ. नीरू राठी, मनोविज्ञान विभाग के प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं यूटीडी के विभिन्न विभागों के प्रतिभागी विद्यार्थी मौजूद रहे।