आयुर्वेद को आत्मसात करने के लिए आयुर्वेद को जीना भी जरूरीः प्रो. (वैद्य) करतार सिंह धीमान

एक स्वस्थ जीवन के लिए आयुर्वेद से बेहतर कोई पद्धति नहीं हैः कुलपति प्रो. सुदेश

आयुर्वेद को आत्मसात करने के लिए आयुर्वेद को जीना भी जरूरीः प्रो. (वैद्य) करतार सिंह धीमान

खानपुर कलां, गिरीश सैनी। भगत फूल सिंह महिला विवि के एम.एस.एम. आयुर्वेद संस्थान में बीएएमएस प्रथम वर्ष की नवागंतुक छात्राओं के लिए संचालित 15 दिवसीय ट्रांसिशनल करिकुलम कार्यक्रम सोमवार को संपन्न हो गया।

समापन सत्र में श्री कृष्ण आयुष विवि, कुरुक्षेत्र के कुलपति प्रो. (वैद्य) करतार सिंह धीमान ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला विवि की कुलपति प्रो. सुदेश ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में आरोग्य लक्ष्मी हेल्थ केयर प्रा. लि. के संस्थापक प्रो. (वैद्य) श्री कृष्ण खाण्डल उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा पारंपरिक दीप प्रज्वलन एवं धनवंतरी वंदना के साथ की गई।

मुख्य अतिथि प्रो. (वैद्य) करतार सिंह धीमान ने अपने संबोधन में जियो आयुर्वेद का मंत्र छात्राओं को दिया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद केवल पढ़ने की बात नहीं है, बल्कि इसे आत्मसात करने के लिए आयुर्वेद को जीना भी जरूरी है। उन्होंने आयुर्वेद में एकरूपता लाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रो. धीमान ने अपने संबोधन में आयुर्वेद के दर्शन और सिद्धांत को रेखांकित किया। उन्होंने छात्राओं को जिज्ञासु बनने और समय का सदुपयोग करने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में महिला विवि की कुलपति प्रो. सुदेश ने अपने प्रभावशाली संबोधन में कहा कि सर्वप्रथम शिक्षकों एवं छात्राओं को आयुर्वेद में विश्वास जताना होगा कि एक स्वस्थ जीवन के लिए आयुर्वेद से बेहतर कोई पद्धति नहीं है। उन्होंने उपस्थित जन को आयुर्वेद को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर भावी पीढ़ियों के लिए जीवंत उदाहरण बनने का आह्वान किया। उन्होंने भावी चिकित्सकों को संवेदनशीलता के साथ सेवा कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने आयुर्वेद जगत में एंटरप्रेन्योरशिप द्वारा आत्मनिर्भरता की दिशा में कार्य करने के लिए भी छात्राओं को प्रेरित किया। उन्होंने इस सफल आयोजन के लिए आयोजक मंडल एवं प्रतिभागी छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो. (वैद्य) श्री कृष्ण खाण्डल ने अपने संबोधन में कहा कि आयुर्वेद पूरी दुनिया में एक सशक्त चिकित्सा विकल्प के रूप में उभरा है। उन्होंने छात्राओं को वैश्विक मांग के अनुरूप एक आयुर्वेद चिकित्सक के रूप में अपना कौशल विकसित करने तथा वैश्विक स्वास्थ्य समस्याओं के निदान पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया।

प्रारंभ में संस्थान की प्रिंसिपल इंचार्ज डॉ. वीणा अग्रवाल ने स्वागत संबोधन किया। छात्राओं निकिता शर्मा एवं दिव्या ने कार्यक्रम की गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रतिभागी छात्राओं ने कार्यक्रम के दौरान के अपने अनुभव साझा किए। नवागंतुक छात्राओं के लिए एप्रन सेरेमनी आयोजित की गई और चरक शपथ दिलवाई गई। आयोजन सचिव डॉ. महेश शर्मा ने कार्यक्रम संचालन किया। धन्यवाद संबोधन कन्वीनर डॉ. गोविंद गुप्ता ने किया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह, पौधा एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ।