हरियाणा को विकसित राज्य बनाने के लिए कनेक्टिविटी व टूरिज्म पर काम करना जरूरीः डॉ. कमल गुप्ता
'विकसित हरियाणा-2034' विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार में हरियाणा की भूमिका पर हुई चर्चा।
हिसार, गिरीश सैनी। हरियाणा के स्वास्थ्य एवं नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा है कि किसी भी राज्य के विकास के लिए कनेक्टिविटी तथा टूरिज्म सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं। यदि हरियाणा को विकसित राज्य बनाना है तो इन दोनों बिंदुओं पर सर्वाधिक काम करना होगा। राज्य सरकार इस दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। हिसार में बना महाराजा अग्रसेन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रदेश के मध्य भागों से राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने का सार्थक प्रयास है।
डॉ कमल गुप्ता वीरवार को स्थानीय गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा 'विकसित हरियाणा-2034' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। इस सेमिनार की अध्यक्षता कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने की। नीति आयोग के सीनियर लीड प्रो. प्रवाकर साहू मुख्य वक्ता के रूप में ऑनलाइन शामिल हुए। वीर चक्र विजेता कैप्टन भूपेंद्र सिंह, कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर तथा सेमिनार निदेशक एवं अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. एन.के. बिश्नोई भी मौजूद रहे।
डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद कनेक्टिविटी के दम पर ही विकास के मामले में हरियाणा में अन्य क्षेत्रों से बहुत ज्यादा आगे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा को विकसित करना है तो नैतिक तथा आध्यात्मिक मुद्दों को ध्यान में रखते हुए विकास की योजनाएं बनानी होंगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने बीते दस वर्षों में रोजगार तथा आत्मनिर्भर बनाने की विभिन्न योजनाएं बनाई हैं।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत और भारत में हरियाणा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा को विकसित बनाने में विश्वविद्यालयों की भूमिका अग्रणी हो सकती है। उन्होंने कहा कि गुजवि युवा पीढ़ी को साधारण मानव को मानव संसाधन के रूप में परिवर्तित करने के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने पर्यावरण एवं सतत विकास के सिद्धांत को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित एविएशन कॉलेज गुजवि में स्थापित करने की मांग की।
मुख्य वक्ता प्रो. प्रवाकर साहू ने कहा कि वर्तमान समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत केंद्रीय भूमिका में हैं। भारत में दुनिया की सबसे क्रियाशील जनसंख्या है। हमें गुणवत्तापरक शिक्षा, स्वास्थ्य व कौशल पर ध्यान देकर इस जनसंख्या को राष्ट्र उपयोगी बनाना होगा। उन्होंने हरियाणा में जल प्रबंधन तथा युवाओं के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग पर बल दिया।
कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के अभियान का हरियाणा नेतृत्व कर सकता है। इसके लिए हमें प्रदेश के युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक कार्यों में लगाना होगा।
प्रो. एन.के. बिश्नोई ने हरियाणा की अर्थव्यवस्था पर व्याख्यान देते हुए बताया कि हरियाणा में 2034 तक विकसित राज्य बनने की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने योजनाओं और आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि हरियाणा इस दिशा में देश के अन्य राज्यों से ज्यादा आगे है। सेमिनार में पैनल डिस्कशन का भी आयोजन किया गया, जिसमें विषय विशेषज्ञों दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स के प्रो. परमजीत सिंह, डरबन यूनिवर्सिटी साउथ अफ्रीका के प्रो. रविन्द्र रेना, कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र के पूर्व प्रो. टी.आर. कुंडू व आईआईटी रुड़की के पूर्व प्रो. डी.के. नौरियाल ने भाग लिया। डॉ. ललित शर्मा ने आभार व्यक्त किया। इस दौरान डॉ. अश्विनी, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. किरन देवी, डॉ. सोमनाथ व गार्गी मौजूद रहे।