पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वृक्षों के संरक्षण के साथ-साथ गुरु जम्भेश्वर महाराज के नियमों का पालन करना ज़रूरी: डा. ब्रजेन्द्र सिंघल
हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विवि के गुरु जम्भेश्वर महाराज धार्मिक अध्ययन संस्थान के सौजन्य से 'गुरु जम्भेश्वर जी के नैतिक, आध्यात्मिक एवं पर्यावरणीय चिंतन की वर्तमान युग में प्रासंगिकता' विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन शुक्रवार को सम्पन्न हो गया।
समापन समारोह में विख्यात लेखक एवं भक्ति साहित्य विशेषज्ञ, नई दिल्ली के डा. ब्रजेन्द्र सिंह सिंघल ने बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की। अखिल भारतीय सेवक दल के अध्यक्ष विनोद धारणिया समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने समारोह की अध्यक्षता की।
मुख्य वक्ता डा. ब्रजेन्द्र कुमार सिंघल ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वृक्षों के संरक्षण के साथ-साथ गुरु जम्भेश्वर महाराज के सभी नियमों का पालन करना भी जरूरी है। गुरु जम्भेश्वर महाराज ने जैविक विविधता पर बल दिया तथा हर जीव की सुरक्षा व संरक्षण का संदेश दिया। नील के प्रयोग न करने से गुरु जी का अभिप्राय था कि नील जहां पैदा होती है वहां भूमि अन्न उपजाऊ नहीं रहती। उन्होंने गुरु जम्भेश्वर महाराज के 29 नियमों तथा उनके महत्व के बारे में विस्तार से बताया।
अखिल भारतीय सेवा दल, मुकाम के अध्यक्ष विनोद धारणिया ने गुरु जम्भेश्वर महाराज के जीवन, कायोंर् तथा शिक्षाओं के बारे में बताया। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि यह सम्मेलन ने केवल समाज के नैतिक व आध्यात्मिक उत्थान में योगदान देगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी उपयोगी रहेगा। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण प्रदूषण जैसी समस्याओं का समाधान गुरु जम्भेश्वर के सिद्धांतों व शिक्षाओं में ही है।आयोजन सचिव डा. जय देव बिश्नोई ने सम्मेलन की रिपोर्ट प्रस्तुत की। सम्मेलन के दौरान देश-विदेश के प्रतिभागियों द्वारा 125 पेपर प्रस्तुत किए गए। देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों से विषय विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को सम्बोधित किया। इस दौरा पर्यावरण संरक्षण में योगदान के लिए खाम्भू राम को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ पेपर प्रस्तुत करने वाले शोधार्थियों ओएसजीयू के विकास ढांडा, राजकीय पॉलिटेक्निक हिसार के दिनेश कुमार, गुजविप्रौवि के हिंदी विभाग की नविता, एफजीएम राजकीय महाविद्यालय आदमपुर के कृपा राम, विद्या भारती दिल्ली के आर.के. बिश्नोई व स्वतंत्र प्रतिभागी राम सरूप को सम्मानित किया गया।