ये सवालात किसे पेश करूं?
-*कमलेश भारतीय
तीन तीन बयान और तीन तीन अलग तरह की बातें! दिल्ली में विपक्ष के इंडिया गठबंधन की रैली हुई, खासतौर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में! लोकसभा चुनाव से पहले दो दो मुख्यमंत्रियों को जेल क्यों भेज दिया गया? अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरोन ! क्यों ? कांग्रेस के खाते ऐन चुनाव के समय सील क्यों कर दिये गये ? ईडी, सीबीआई को इतना खुला हाथ किसने दिया? महारैली संविधान और लोकतंत्र को बचाने क आह्वान के लिए की गयी और ये सवाल कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने उठाये । यों तेजस्वी यादव ने गाने से रोचक बनाते पूछा-रोज़ रोज़, मोदी जी, ऐसा करोगे, जनता रूठ गयी, तो फिर हाथ मलोगे?
दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरठ में थे और वहाँ सवाल कर रहे थे कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करूं न करूं? करता हूँ तो मुझे बौखला कर गालियां देते हैं । मोदी को आदत हो गयी है । तीसरी ओर भाजपा के चाणक्य यानी अमित शाह का कहना है कि कांग्रेस सिर्फ देश को तोड़ना जानती है, जोड़ना नहीं ! इन सवालात के बीच बड़ी उलझन में फंस गया हूँ। कौन ठीक है, कौन गलत? मामला समझने की कोशिश में हूँ। लोकतंत्र है तो सवाल तो आयेंगे ही । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की धर्मपत्नी सुनीता केजरीवाल ने भी सवाल पूछा कि क्या अरविंद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दें? आजकल सुनीता ही अपने पति की प्रवक्ता बनी हुई है और कहीं ऐसा न हो कि जो हालात बने हैं, उनमें सुनीता ही राजनीति में पहला कदम रख दे !
सवाल यह है कि ईडी और सीबीआई का जैसा उपयोग हो रहा है और चुनावों के ऐन निकट हो रहा है तो यह कितना सही है? सवाल प्रधानमंत्री मोदी का है कि भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करूं या न करूं? सवाल अमित शाह का है कि कांग्रेस देश को तोड़ना जानती है? सवाल ममता बनर्जी का, जो कहती है कि कांग्रेस भाजपा के लिए काम करती है।
कितने सारे सवाल हैं । अभी सवाल उठेंगे क्योंकि सवालों के उठने के यही दिन हैं । सवाल है कि मीडिया विपक्ष की कवरेज के समय आंखें क्यों मूंद लेता है? विपक्ष के प्रति इतनी उपेक्षा क्यों? बहुत सारे सवाल हैं और कहते हैं कि
हम लोकतंत्र में आये हैं
मुसाफ़िर की तरह
हमको कुछ सवालात का मौका दे दे!
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।