उत्तराखंड व कश्मीर में अधिक है पर्यटकों की दिलचस्पी
घरेलू पर्यटन में कुछ ऐसे बदलाव देखने को मिल रहे हैं जो पहले नहीं थे। मसलन देश के ही लोग अब शिमला और मनाली की बजाय कश्मीर और उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं और यह ट्रेंड लगातार नजर आ रहा है।
घरेलू पर्यटन में कुछ ऐसे बदलाव देखने को मिल रहे हैं जो पहले नहीं थे। मसलन देश के ही लोग अब शिमला और मनाली की बजाय कश्मीर और उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं और यह ट्रेंड लगातार नजर आ रहा है। ट्रेवल एजेंटों की बातों से पता चलता है कि शिमला में होटलों की रूम ऑक्यूपेंसी सामान्य दिनों में 20-30 प्रतिशत और वीकेंड पर 60-70 प्रतिशत रह गई है। यही हाल मनाली का है, जहां होटल रूम्स 50 से 60 प्रतिशत ही भर पा रहे हैं। कश्मीर में हालात सामान्य होने और धारा 370 हटने के बाद अब नजारा ही कुछ और है। कश्मीर घाटी में पर्यटक अब बेखौफ और बिन्दास होकर घूमते दिखाई देते हैँ और होटलों में कमरे मिलना मुश्किल हो रहा है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा कहते हैं कि मौजूदा समय को कश्मीर में पर्यटन का सुनहरा दौर कहा जा सकता है। पिछले कुछ महीनों में घाटी में घूमने के लिए एक करोड़ से अधिक पर्यटक कश्मीर पहुंचे हैं। बीस साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी तादाद में पर्यटक कश्मीर में छुटि्टयां बिताने पहुंचे हैं। डल झील में इस वक्त 3500 शिकारा पर्यटकों की सेवा में दिन रात लगे हुए हैं।
शिमला में पिछले एक माह में करीब ढाई लाख पर्यटक पहुंचे हैं। मनाली में हर दिन दस हजार पर्यटक पहुंचने का सिलसिला रहा है। एक अनुमान के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में प्रतिदिन 30 हजार से अधिक पर्यटक पहुंचते हैं। हिमाचल जाने वाले पर्यटकों में ज्यादा संख्या पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कलकत्ता और मद्रास के लोगों की होती है। हालांकि, गुजरात से इस बार पहले की तुलना में कम पर्यटक पहुंचे हैं। हिमाचल पर्यटन विकास निगम के एक अधिकारी का कहना है कि आने वाले दिनों में पर्यटन कारोबार में कुछ वृद्धि होने की संभावना है। कश्मीर के अलावा, लद्दाख जाने वालों की संख्या भी उत्साहजनक है। लद्दाख में लेह एकमात्र मुख्य शहर है जहां हवाई अड्डा होने के कारण भी पर्यटक अधिक पहुंचते हैं। अन्य छोटे डेस्टिनेशन कारगिल, पेंगोंग लेक और नुबरा वैली हैं। इन स्थानों तक सड़क मार्ग से ही पहुंचा जा सकता है और इसके लिए लेह से पर्याप्त कनेक्टिविटी है। शिमला, मनाली जैसे पहाड़ी पर्यटन स्थलों पर सबसे ज्यादा परेशानी बड़े होटलों को है जहां बुकिंग बहुत ही कम है। इन स्थानों के लिए विदेशी मेहमानों की आवाजाही इस समय न के बराबर है।
इस बीच उत्तराखंड में चार धाम यात्रा अलग अलग चरणों में प्रारंभ हो गई है। फिलहाल गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के लिए कुछ सीमाओं के अंदर हरी झंडी दी गई है। कुछेक दिन में केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ धाम के लिए भी सरकारी अनुमति दे दी जाएगी। चार धाम तक जाने के लिए अब अच्छी सड़क बन कर तैयार है जिससे कारण नौ-दस घंटे बाद ही वहां पहुंचा जा सकता है। चार धाम यात्रा का शुरुआती बिंदु ऋषिकेश है, जहां से आगे की यात्रा के लिए वाहन मिलते हैं। यात्रा मार्ग पर ठहरने के लिए जगह जगह अच्छे होटल व अन्य ठिकाने उपलब्ध हैं। अगले महीने यानी 30 जून से अमरनाथ यात्रा भी शुरू होने जा रही है। अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड और जम्मू कश्मीर सरकार ने इसके लिए पर्याप्त इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। सबसे ज्यादा जोर सुरक्षा सुनिश्चित करने पर है। दो साल के बाद इस यात्रा की अनुमति मिलने के चलते इस बार अमरनाथ यात्रा खास रहेगी।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं)