भीषण गर्मी में किसान संगठनों के ट्रैक्टर मार्च ने बढ़ाया सियासी पारा
बाढ़डा, गिरीश सैनी। किसान आंदोलनों का गढ़ कहे जाने बाढ़डा में शनिवार को किसानों ने भीषण गर्मी के बीच लाड, भांडवा, खोरड़ा, काकड़ोली हुक्मी, हट्टी, उमरवास, मांढी हरिया समेत करीब तीन दर्जन गांवों में विशाल ट्रैक्टर मार्च निकाल कर सियासी पारा बढ़ा दिया। किसान आंदोलन, महिला पहलवानों, आशा वर्कर्स, सरपंचों के साथ पुलिस की बर्बरता के फ्लैक्स लगे हुए ट्रैक्टर आकर्षण का केंद्र रहे। इस ट्रैक्टर मार्च की अगुवाई किसान नेता राजू मान ने की।
इससे पहले बाढ़डा के क्रांतिकारी चौक पर महाशय मंशाराम और राजा महताब सिंह की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण के बाद वयोवृद्ध किसान नेता रवींद्र सांगवान रवि ने ट्रैक्टर मार्च को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और कहा कि केंद्र और राज्य की हठधर्मी सरकार के बदला लेने का समय आ गया है। किसान नेता रघुबीर श्योराण ने कहा कि किसान- मजदूरों का संघर्ष रंग लाएगा और मोदी सरकार की विदाई अब तय है।
गांवों के दौरे के दौरान किसान नेता राजू मान ने कहा कि एमएसपी की मुख्य मांग को लेकर चले तेरह महीने के किसान आंदोलन में 750 से ज्यादा किसानों ने अपनी शहादत दी, लेकिन मोदी सरकार ने उनके लिए संवेदना तक नहीं जताई। उन्होंने कहा कि आंदोलन को रोकने के लिए बॉर्डर पर लगाई कीलें और कंकरीट की दीवारों के साथ किसानों के बदन पर पड़ी एक एक लाठी का हिसाब इस लोकसभा चुनाव में लिया जाएगा।
कामरेड ओमप्रकाश ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का मान बढ़ाने वाली हमारी बेटी महिला पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने जिस तरह से सड़क पर घसीटा वो भुलाया नहीं जा सकता। इस दौरान सीटू नेता कमलेश भैरवी, रणधीर कुंगड़, सरपंच रामचंद्र उमरवास, सुमेर धारणी, बबली, रामपाल धारणी, ओम नंबरदार, जितेंद्र श्योराण, कपूर उमरवास, बनी सिंह, मामन जांगड़ा, रोहताश रोहिल्ला, विजय, अजय, महिपाल, रणबीर, सुशीला, सोनी, बीना, निर्मला, अनीता सहित अनेक किसान- मजदूर मौजूद रहे।