व्यापार विरोधी नीतियों से परेशान व्यापारी छोड़कर भाग रहे पंजाब: पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल की आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस माता रानी रोड स्थित दफ्तर में हुई जिस में स्टेट जनरल सेक्रेटरी और राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड के मेम्बर सुनील मेहरा, जनरल सेक्रेटरी और नेशनल सेक्रेटरी भारतीय उद्योग व्यापार मंडल से आयुष अग्रवाल और उप प्रधान विनोद शर्मा ने कहा कि किसी भी राज्य को प्रफुल्लित होने में हर क्षेत्र का बराबर का हाथ होता है चाहे वह खेती बाड़ी हो या उद्योग-व्यापार या सेवाएँ। किंतु भगवंत मान सरकार का उद्योग- व्यापार क्षेत्र पर से ध्यान कम होता जा रहा है।
लुधियाना, 11 जनवरी, 2023: पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल की बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस माता रानी रोड स्थित दफ्तर में हुई जिस में स्टेट जनरल सेक्रेटरी और राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड के मेम्बर सुनील मेहरा, जनरल सेक्रेटरी और नेशनल सेक्रेटरी भारतीय उद्योग व्यापार मंडल से आयुष अग्रवाल और उप प्रधान विनोद शर्मा ने कहा कि किसी भी राज्य को प्रफुल्लित होने में हर क्षेत्र का बराबर का हाथ होता है चाहे वह खेती बाड़ी हो या उद्योग-व्यापार या सेवाएँ। किंतु भगवंत मान सरकार का उद्योग- व्यापार क्षेत्र पर से ध्यान कम होता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भगवंत मान की `आप' सरकार को पंजाब में दो वर्ष पूरे होने जा रहे और पंजाब की व्यापारिक और उद्योगिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। सरकार द्वारा व्यापार विरोधी नीतियों के कारण पंजाब से उद्योग और व्यापार अन्य राज्यों में पलायन कर रहा है। दो लाख तीस हज़ार करोड़ का व्यापार पंजाब से उत्तर प्रदेश की और रुख़ कर चुका है। पंजाब की बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ते बिजली के दामों ने पंजाब के व्यापार और उद्योग की कमर तोड़ कर रख दी है।
उन्होंने आगे कहा कि पंजाब बिजली विभाग ने बिजली दर में हर वर्ष दस प्रतिशत बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन को सौंपा। सवाल यह है कि यदि मान सरकार का दावा है कि बिजली विभाग बिजली की चोरी रोक कर और सस्ता कोयला लेकर मुनाफे में चल रही है तो बिजली विभाग का दस प्रतिशत दरों में बढ़ोतरी करने का क्या मकसद है। बढ़ती बिजली की दरें और बिगड़ रही क़ानून व्यवस्था से व्यापारियों में डर का माहौल पैदा हो रहा है जिसकी वजह से वे उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड, हरियाणा जैसे अन्य राज्यों में पलायन कर रहे हैं।
पंजाब सरकार द्वारा जीएसटी में वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाने के बाद भी जीएसटी विभाग व्यापारियों को नोटिस भेज बुला रहा है। उन्होंने कहा कि यदि व्यापारियों को राहत दी गई थी तो नोटिस भेज कर इस राहत के उलट प्रतिक्रिया कर व्यापारियों को परेशान करने का क्या मक़सद है।
पंजाब व्यापार मंडल ने कई बार मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिल कर व्यापारी कल्याण के मुद्दे पर चर्चा करनी चाही पर मुख्यमंत्री अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकाल कर व्यापारियों को समय नहीं देना चाहते जिसका नतीजा आज पंजाब की बिगड़ी जीएसटी कलेक्शन जो पिछले 9 महीनों में केवल 15000-15500 करोड़ रुपये पर खड़ी है और वहीं हरियाणा जो एक समय पंजाब से पीछे माना जाता है उसकी 9 महीने की जीएसटी कलेक्शन 50000 करोड़ रुपये पार कर चुकी है।
उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में नौकरियों ना होने के कारण पंजाब का युवा अमरीका, कनाडा, लंदन और अन्य देशों की और रुख़ कर रहा है और सरकार तो यह तक मानती है कि हर वर्ष लगभग एक लाख युवा पंजाब छोड़ कर जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब में यदि व्यापार को बचाना है और यहां के उद्योग और व्यापार को अन्य राज्यों के मुक़ाबले खड़ा करना है तो कुछ कदम सरकार को व्यापारियों के हित में उनसे सलाह कर के उठाने होंगे जैसे जीएसटी की ओटीएस स्कीम जो फुल एंड फाइनल हो जिसकी कोई सरकारी अफसर अफसरशाही दिखाने के चक्कर में व्यापारी को तंग ना करे, सस्ती बिजली जो पंजाब में दस रुपये प्रति यूनिट पार कर चुकी है और अन्य राज्यों में 5-6 रुपये प्रति यूनिट है, मुफ़्त बिजली की बजाये सस्ती और बग़ैर बिजली कटौती के चौबीस घंटे बिजली मुहैया करायी जाये, उत्तर प्रदेश और गुजरात की तरह सिंगल विंडो सर्विस हो जहां व्यापारी और उद्योगपति को विभाग दर विभाग भाग कर अपने काग़ज़ ना जमा कराने हों।
उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब की बिगड़ती व्यापारिक स्थिति के सुधार पर विचार विमर्श करने के लिए जल्द ही लुधियाना, जो पंजाब का औद्योगिक क्षेत्र है एक राज्यस्तरीय बैठक की जाएगी और ज़रूरत पड़ने पर केंद्र सरकार से भी मदद की गुहार लगायी जाएगी।