शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने में पारंपरिक आहार की विशेष भूमिकाः प्रो संगीता
प्रश्नोत्तरी में अनन्या, नेहा, सुमित, मुक्ति, गौरव व रजत की टीम विजेता।
हिसार, गिरीश सैनी। राष्ट्रीय पोषण माह 2024 के अंतर्गत गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विवि के खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता एवं विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने इस आयोजन के लिए विभाग को बधाई दी।
बतौर मुख्य वक्ता सीसीएस हरियाणा कृषि विवि के खाद्य एवं पोषण विभाग से प्रो. संगीता चहल ने 'स्वास्थ्य के लिए पारंपरिक और क्षेत्रीय आहारः स्वास्थ्य विकल्पों के लिए जड़ों की ओर वापस' विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि वर्तमान में बड़े-बड़े देशों में हल्दी लेटे नाम से हल्दी का दूध काफी महंगे दामों में मिलता है, जबकि हमारे देश में सदियों से हल्दी दूध पीने का प्रचलन रहा है। हमारे पूर्वजों के खान-पान के तरीकों को विदेशी अपना रहे हैं और हम आधुनिकता में पड़कर अपनी जड़ों को छोड़ रहें हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। उन्होंने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने में संतुलित आहार विशेष रूप से पारंपरिक आहार की भूमिका पर जोर दिया और आहार में सुधार के लिए व्यावहारिक सुझाव दिए।
विभागाध्यक्ष प्रो. अराधिता रे ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि संतुलित आहार सभी के लिए अत्यंत आवश्यक है। विशेषकर युवाओं को अपने खानपान में पारंपरिक एवं शुद्ध आहार को शामिल करना चाहिए तथा जंक फूड व फास्ट फूड से दूर रहना चाहिए। कार्यक्रम संयोजिका प्रो. अलका शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह 2024 का विषय 'हर किसी के लिए पोषक आहार' है। इस दौरान आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। डॉ. अलका शर्मा, डॉ. नवनिधि व डॉ. अनीता ने निर्णायक की भूमिका निभाई। प्रतियोगिता संयोजन डॉ. प्रियंका ने किया। इस प्रतियोगिता में अनन्या, नेहा, सुमित, मुक्ति, गौरव व रजत की टीम-ए ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।