विद्यार्थियों के सुगम अधिगम में पारलौकिक ध्यान तकनीक है मददगारः उपायुक्त अजय कुमार
संयुक्त राज्य अमेरिका की टीम ने दी तकनीकी प्रस्तुति।
रोहतक, गिरीश सैनी। नीदरलैंड की महर्षि वैदिक यूनिवर्सिटी द्वारा पारलौकिक ध्यान तकनीक से विद्यार्थियों को बेहतर अधिगम के लिए तैयार किया जा रहा है। इस तकनीक से केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि मानसिक तनाव इत्यादि को भी दूर करने में मदद मिलती है। यही नहीं विदेशों में इस विषय पर किये गए अनेक अनुसंधानों में यह स्पष्टï किया गया है कि इस तकनीक से लोगों को शिक्षित करने से सडक़ दुर्घटनाओं में होने वाले जान-माल की हानि को कम किया जा सकता है तथा समाज में अपराध को भी न्यूनतम स्तर पर लाया जा सकता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के डॉ अस्ले डीनस की टीम ने स्थानीय लघु सचिवालय स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंस हॉल में उपायुक्त अजय कुमार व अन्य उच्च प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जिला में सरकारी विद्यालयों के पाठ्यक्रम में पारलौकिक ध्यान तकनीक को शामिल करने बारे विचार-विमर्श किया। इस दौरान असिस्टेंट कमिश्नर अंडर ट्रेनिंग अंजलि श्रोत्रिया, अतिरिक्त उपायुक्त महेश कुमार, नगराधीश मुकुंद तंवर व टीम के सदस्यों में डॉ. अस्ले डीनस, डॉ. डेनियल स्वेनसन, एल्मेट रोडर, विवेक वैद्यनाथन तथा सुमित मलिक भी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम के लिए हरियाणा प्रदेश के रोहतक जिला को चुना गया है। टीम ने स्क्रीन के माध्यम से अपनी प्रस्तुति से इस तकनीक से विद्यार्थियों को होने वाले लाभ के साथ-साथ रोजमर्रा की भागदौड़ भरी जिंदगी में होने वाले तनाव इत्यादि को भी दूर करने के लिए लाभदायक बताया।
डॉ. अस्ले डीनस ने कहा कि चेतना पर आधारित शिक्षा के बारे में महर्षि वैदिक यूनिवर्सिटी एनएल नामक संगठन द्वारा विश्वभर में गतिविधियां आयोजित करवाई जा रही है। इस तकनीक को महर्षि महेश योगी ने 50 वर्ष पूर्व दुनिया के सामने रखा था। पारलौकिक ध्यान के माध्यम से मानव मस्तिष्क प्रकृति की बुद्धि के सबसे मौलिक क्षेत्र सम्पूर्ण, ऊर्जा, रचनात्मकता और आनंद के क्षेत्र का अनुभव किया जा सकता है।
इस मौके पर जिला राजस्व अधिकारी चंद्रमोहन बिश्नोई, जिला शिक्षा अधिकारी मंजीत मलिक, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी दिलजीत सिंह, उप जिला शिक्षा अधिकारी रेनू खत्री सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।