प्रीत साहित्य सदन द्वारा दो पुस्तकों का हुआ लोकार्पण
प्रीत साहित्य सदन द्वारा अपनी मासिक सभा में आभासी प्रक्रिया द्वारा इस बार होशियारपुर से डॉ अरविंद पराशर की नव प्रकाशित काव्य पुस्तक उडू मैं हंस के सदृश्य व दूसरी मुंबई से डॉ मातवीर सिंह मीत की काव्य पुस्तक अनगिनत पहेलियां का विमोचन किया गया।
पुस्तकों पर प्रपत्र प्रस्तुत करते हुए अनु पूरी एवं मोनिका अरोड़ा ने पुस्तकों के मर्म को छूते हुए आज हिंदी के साहित्य में विमुक्त हो रहे छंद की बात को बड़ी गंभीरता से कहा अथवा मुंबई जैसे भीड़ भाड़ आपाधापी वाले शहर की भागदौड़ में संवेदना कहां खो गई है इन बिंदुओं को बड़ी गहराई से छुआ।
बाद में पुस्तकों के लेखकों ने अपनी रचना प्रक्रिया पर विस्तृत विचार रखे।
मुख्य अतिथि के रूप में मुंबई से वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अनंत श्रीमाली उपस्थित हुए। उन्होंने सारे कार्यक्रम की रूपरेखा को बहुत ही सुंदर शब्दों में बयान किया उनके शब्दों ने सभी का मन मोह लिया।
मंच संचालन बहुत ही खूबसूरत ढंग से डॉ अनु शर्मा ने किया।
अंत में डॉक्टर संजीव डावर ने उपस्थितजनों का धन्यवाद व्यक्त किया।
कार्यक्रम में दूरदराज व विदेशों से भी कविजन जुड़े।