रसायन विज्ञान में विविधता और समावेशन पर जीयू में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

रसायन विज्ञान में विविधता और समावेशन पर जीयू में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

गुरुग्राम, गिरीश सैनी। गुरुग्राम विश्वविद्यालय के केमिस्ट्री विभाग द्वारा रसायन विज्ञान में विविधता और समावेशिता विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का विधिवत शुभारंभ बुधवार को अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि एमएस यूनिवर्सिटी,भरतपुर के कुलपति प्रो. रमेश चंद्र एवं विशिष्ठ अतिथि के रूप में सीएसआईआर के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. राम विश्वकर्मा ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता गुरुग्राम विवि के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। मुख्य संरक्षक के रूप में गुरुग्राम विवि के कुलसचिव डॉ. राजीव कुमार सिंह एवं डीन अकादमी अफेयर्स डॉ. सुभाष कुंडू उपस्थित रहे।

कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि इस दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य रसायन, पेट्रोकेमिकल, फार्मास्यूटिकल और पॉलिमर उद्योग के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के साथ-साथ शिक्षा जगत के प्रोफेसरों व शोधकर्ताओं को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में विविधता और समावेशिता प्राप्त करने के लिए नवीनतम रुझानों, प्रौद्योगिकियों और रणनीतियों पर व्यापक चर्चा करने के लिए एक साथ एक मंच पर लाना है।

इस कार्यक्रम में देश-विदेश से पहुंचे विद्यार्थियों, शिक्षकों व शोधकर्ताओं समेत अन्य प्रतिनिधियों ने शोधपत्र प्रस्तुत किए। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए 150 रजिस्ट्रेशन किए गए हैं। सम्मेलन के पहले दिन यूके, जर्मनी व यूएसए से आए विशेषज्ञों ने अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

मुख्य अतिथि प्रो. रमेश चंद्र ने जीयू के केमिस्ट्री विभाग की टीम को इस  आयोजन के लिए बधाई दी और विद्यार्थियों के ज्ञानवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि -रसायन विज्ञान में विविधता और समावेशिता का बहुमुखी विषय हमारे दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है। इस दौरान उन्होंने रसायन उद्योग में स्थिरता, इस क्षेत्र की चुनौतियां और अनुसंधान की आवश्यकता, तथा इस दिशा में उद्योग और शिक्षा जगत के शोधकर्ताओं के बीच सहयोग आदि पर प्रकाश डाला।

विशिष्ट अतिथि सीएसआईआर के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. राम विश्वकर्मा ने कहा कि वर्तमान समय की ज्यादातर समस्याओं का समाधान प्रौद्योगिकी से संभव है। ऐसे में शोधार्थियों को लगातार नई तकनीक से मनुष्य के जीवन को सरल और सुगम बनाने की दिशा में प्रयासरत रहना होगा। इस मौके पर सीएसआईआर निदेशक प्रो रंजना अग्रवाल, कार्यक्रम संयोजक प्रो. सरला बालचंद्रन समेत विवि के अधिकारी, प्राध्यापक, विद्यार्थी तथा देश-विदेश से पहुंचे वैज्ञानिक व विशेषज्ञ मौजूद रहे।