दोआबा कालेज में राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन्न पर शिक्षा पदत्ति, नीति व बदलाव पर गहन चिंतन
संतोख सिंह चौधरी मैंबर पार्लियामैंट बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए
जालन्धर: दोआबा कॉलेज के इंटरनल क्वालिटी अशयोरेंस सेल- (आईक्यूएसी) द्वारा दो दिवसीय नैक संपोसंरड राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन समारोह आयोजित किया गया जिसमें श्री संतोख सिंह चौधरी-मैंबर पार्लियामैंट बतौर मुख्य मेहमान, ध्रुव मित्तल- कोशाध्यक्ष- आर्य शिक्षा मण्डल एवं कॉलेज प्रबन्धकीय समिति बतौर विशेष मेहमान, डॉ सुशील कुमार कांसल-पंजाबी यूनिवर्सिटी चण्डीगढ़ बतौर मुख्य वक्ता- वैलिडिक्ट्री सैशन, डॉ सुखविन्दर सिंह संघा- रीजनल सैंटर जीएनडीयू, डॉ परमिन्दर कौर-प्रिंसीपल खालसा कालेज ऑफ एैजुकेशन जालन्धर, डॉ संदीप विज-डीएवी यूनिवर्सिटी व डॉ चरणजीत सिंह खालसा कालेज जालन्धर बतौर पलीनरी स्पीकरस उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिनन्दन प्रिं. डॉ नरेश कुमार धीमान, प्रो. संदीप चाहल- सैमीनार कनवीनर एवं आईक्यूएसी कार्डीनेटर, डॉ अविनाश बावा- ऑरगेनाईकिांग सक्रेटरी, प्राध्यापकों और 90 विद्यार्थीयों ने किया।
दो दिवसीय सैमीनार में पंजाब, मध्यप्रदेश व जम्मू से तकरीबन 45 प्राध्यापकों ने अपने रिसर्च पेपर पेश किए तथा 70 डैलीगेटों ने भाग लिया। मुख्य मेहमान संतोख सिंह चौधरी ने कहा कि वर्तमान एैजुकेशन सिस्टम को रिजल्ट ओरियंटड होना होगा तथा हमारी एैजुकेशन पॉलिसी को ग्लोबल एैजुकेशन पैर्टन के साथ सामंजस्य कायम कर और सार्थक बनाना होगा ताकि विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धा के युग में ग्लोबल लेवल पर कार्य करने का मौका मिले ।
श्री ध्रुव मित्तल ने कहा कि एैजुकेशन में एैथिक्स को लाना तथा भारतीय सभ्याचार के मूल्यों को शामिल करना एक बहुत बड़ी चुनौती है जिसे हम सब को मिलजुल कर लाना होगा ।
डॉ सुशील कुमार कांसल ने आज के दौर शिक्षा पदत्ति में प्रचलित नीतियों, शोध के क्षेत्र में प्रिडैटरी रिसर्च जनरलस से बचने तथा शोध करने वाले प्राध्यापकों को प्लेजिरीकाम से बचने का सुझाव देते हुए स्तरीय शोध कार्य करने व नामपर प्रकाशकों से ही अपना शोध कार्य प्रकाशित करने के लिए प्रेरित किया तथा दो दिनों में पेश किये गये रिसर्च पेपर्स का मूल्यांकन करते हुए उनमें प्रकट किये गये विचारों पर चर्चा की ।
डॉ सुखविन्दर सिंह संघा, डॉ परमिन्दर कौर, डॉ संदीप विज व डॉ चरणजीत सिंह ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में टीचिंग लर्निंग व ईवैलुएशन में आ रहे तकनीकी बदलावों, चल रहे विभिन्न नए तौर तरीकों तथा आने वाले समय में आने वाली चुनौतियों के बारे में अपने विचार रखें । डॉ अविनाश बावा ने दो दिवसीय सैमीनार में पेश किये गये शोध पत्रों व विचारों की रिपोर्ट पेश की । प्रो. संदीप चाहल ने आये हुए मेहमानों, वक्ताओं और समस्त आईक्यूएसी टीम व प्राध्यापकों को इस सार्थक आयोजन में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया । ध्रुव मित्तल, प्रिं. डा. नरेश कुमार धीमान, प्रो. संदीप चाहल व डा. अविनाश चन्द्र और मुख्य मेहमान संतोख सिंह चौधरी ने शोधकर्ताओं को स्र्टीफिकेट देकर सम्मानित किया ।
धु्रुव मित्तल, प्रिं. डा. नरेश कुमार धीमान, प्रो. संदीप चाहल व डा. अविनाश चन्द्र ने मुख्य मेहमान संतोख सिंह चौधरी और वक्ताओं को सम्मान चिन्ह देकर सम्मानित किया। मंच संचालन प्रो. प्रिया चोपड़ा और प्रो. ज्योती ने बखूबी किया।
दोआबा कालेज में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रतिभागी को स्र्टीफिकेट प्रदान करते हुए मुख्य मेहमान संतोख सिंह चौधरी, ध्रुव मित्तल, प्रिं. डॉø नरेश कुमार धीमान, प्रो. संदीप चाहल और डॉø अविनाश बावा ।