कारगिल युद्ध से जुड़ी अनछुई कहानियां सुनी और सुनाई गई जीजेयू में

कारगिल युद्ध से जुड़ी अनछुई कहानियां सुनी और सुनाई गई जीजेयू में

हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को देशभक्ति से ओत-प्रोत कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुतियां हुई। कारगिल युद्ध के योद्धाओं के साथ-साथ देश के सभी शहीदों को नमन किया गया। कारगिल युद्ध से जुड़ी अनछुई कहानियां सुनी और सुनाई गई। कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती के अवसर पर 3 हरियाणा गर्ल्स बटालियन एनसीसी हिसार द्वारा गुजविप्रौवि के संयुक्त तत्वाधान में एक अत्यंत शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई कार्यक्रम के मुख्यातिथि के रूप में शामिल हुए। दूरदर्शन के पूर्व निदेशक अजीत सिंह तथा कर्नल ज्ञान प्रसाद पांडेय मुख्य वक्ता थे।  

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने अपने संबोधन में कहा कि शहीदों के बताए रास्ते पर चलने वाली सभ्यताएं ही अपनी तरक्की कर पाती हैं। कारगिल युद्ध हमारे देश के वीर सैनिकों के शौर्य की अदभुत गाथा है। कारगिल में घुसपैठ पाकिस्तान की शर्मनाक घटना थी। इस युद्ध में देश के 527 सैनिकों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया जबकि लगभग 1400 सैनिक घायल हुए। उन्होंने कहा कि कैडेट्स शहीदों के बताए रास्ते पर चलें और उनके बलिदान को कभी ना भूलें। 

अजीत सिंह ने बताया कि बोफोर्स तोपों की इस युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका थी।  उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार रखना होगा। कर्नल ज्ञान प्रकाश ने बताया कि कुल 84 दिन चले इस दुर्गम युद्ध में भारत के सैनिकों ने जिस साहस और शौर्य का प्रदर्शन किया, उसे दुनिया सदियों तक याद रखेगी।  

इस आयोजन में ऑनरेरी कैप्टन कृष्ण सिहाग ने कारगिल युद्ध से जुड़ी स्वयं की तथा अपनी बटालियन की वीर गाथाओं के बारे में जानकारी दी।

बटालियन के थर्ड ऑफिसर लवलीन कौर ने स्वागत सम्बोधन किया तथा कारगिल युद्ध के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। देशभक्ति के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में 3 हरियाणा गर्ल्स बटालियन एनसीसी हिसार की इकाइयों द्वारा प्रस्तुतियां दी गई। इस अवसर पर कारगिल युद्ध पर एक डॉक्यूमेंट्री भी प्रस्तुत की गई। इस दौरान एनसीसी कोर्डिनेटर प्रो. राजीव कुमार, मेजर एडमन ऑफिसर अकांक्षा पाण्डे, सीनियर जीसीआई निशा, जीसीआई संगीता सहारन, महिपाल सहित एनसीसी इकाइयों के अधिकारी व संयोजक तथा एनसीसी के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।