समाचार विश्लेषण/वैक्सीन और किसान
-कमलेश भारतीय
इन दिनों दो ही बातों की चर्चा है । एक देश में आ रहा कोरोना वैक्सीन । दूसरा किसान आंदोलन । कोरोना वैक्सीन बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है । जिस नामुराद बीमारी से घर उजड़ गये , व्यापार प्रभावित हुआ और जनजीवन बदल गया , उसका इलाज यानी वैक्सीन आ जाना बहुत खुशी की बात है और इसका श्रीगणेश सोलह जनवरी से होगा । बहुत बड़ी राहत ।
अब किसान आंदोलन की चर्चा । हालांकि वैक्सीन की बधाइयां तो गोदी मीडिया पर लगातार मिल रही हैं जबकि किसान आंदोलन को छूते भी नहीं गोदी मीडिया के लोग । यह अछूत है इनके लिए । आखिर किसान आंदोलन की चर्चा को गोदी मीडिया कैसे सत्ता के पक्ष में मोड़ लेता है ? यही कारण है कि किसान इस मीडिया को घुसने ही नहीं देते अपने प्रोग्राम में ।
बड़ी चर्चे है ट्रैक्टर परेड के । जगह जगह ट्रैक्टर परेड निकाली जा रही है । हरियाणा में भी यह परेड होने लगी है । दूसरी ओर हरियाणा के नेताओं का विरोध जारी है और नेताओं को गांव में घुसने पर काले झंडे दिखाये जा रहे हैं । ताज़ा शिकार डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा हुए हैं , जिन्हें आर्य नगर यानी उनकी ससुराल में ही काले झंडे दिखाये गये और गाड़ी पर हमला भी किया गया जिसमें उनके सुरक्षा कर्मी के घायल होने की बात आ रही है । हालांकि रणबीर गंगवा ने कहा है कि किसी को चोट नहीं लगी । यही नहीं पहले अम्बानी के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को पंजाब में निशाना बनाया गया तो अब बाबा रामदेव के पतंजलि के प्रतिष्ठान भी निशाने पर आ चुके हैं क्योंकि बाबा जी भी किसानों से होश डिस्टेंसिंग बनाये हुए हैं और गोदी मीडिया के चहेते बने हुए हैं । हिसार में भी पतंजलि के शो रूम के सामने प्रदर्शन किया गया और दिल्ली में भी । नेताओं को गांवों में न घुसने के क्रम जारी हैं और मुख्यमंत्री तक इसकी चपेट में आ सकते हैं । फिर गणतंत्र दिवस कार्यक्रमों का क्या हश्र होगा ? पल मेरी दुआ है कि देश को सर्वोपरि रखें और इन कार्यक्रमों को ऐसे विरोध प्रदर्शनों से दूर रखें । प्रधानमंत्री को भी गणतंत्र दिवस से पहले इस आंदोलन को समाप्त करवाने के गंभीर प्रयास करने होंगे । रब्ब खैर करे ।