कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने विद्यार्थियों से संचार कौशल, जीवन कौशल, तकनीकी कौशल तथा रोजगार क्षमता कौशल से जुड़ने का आह्वान किया

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने विद्यार्थियों से संचार कौशल, जीवन कौशल, तकनीकी कौशल तथा रोजगार क्षमता कौशल से जुड़ने का आह्वान किया

रोहतक, गिरीश सैनी। भविष्य में कौशल ही देगा रोजगार। जरूरत है कि विद्यार्थी किताबी ज्ञान तक सीमित न रहकर कौशल युक्त बनें। अपग्रेड योर स्किल्स टू अपग्रेड योर फ्यूचर का मंत्र महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने वीरवार को सत्र 2023-2024 में यूआईईटी, फार्मास्यूटिकल साइंसेज तथा एजुकेशन विभागों में नव प्रवेश प्राप्त यूजी स्टूडेंट्स के इंडक्शन प्रोग्राम में दिया।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने इस मौके पर स्टूडेंट्स सेंट्रिक स्किल बेस्ड इंसेंटिव स्कीम लॉन्च की। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत एमडीयू के विद्यार्थियों को उनकी स्किल्स के हिसाब से पेड इंटर्नशिप करने का अवसर मिलेगा।

अपने संबोधन में कुलपति ने संचार कौशल, जीवन कौशल, तकनीकी कौशल तथा रोजगार क्षमता कौशल से जुड़ने का आह्वान विद्यार्थियों से किया। उन्होंने कहा कि एमडीयू में विद्यार्थियों के लिए वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर, क्वालिटी एजुकेशन एंड रिसर्च, अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं, श्रेष्ठ लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने एमडीयू की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गत 5 वर्ष से एमडीयू एनआईआरएफ रैंकिंग में देश के प्रथम सौ विश्वविद्यालयों में शामिल है और प्रदेश में अव्वल है। शिक्षा, शोध, सांस्कृतिक, साहित्यिक, कला और खेल समेत सभी क्षेत्रों में एमडीयू देश के श्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में शुमार है। उन्होंने कहा कि एमडीयू को स्वच्छता रैंकिंग में प्रथम और ग्रीन मेंटर अवार्ड से राष्ट्रीय स्तर पर नवाजा जा चुका है।

एआईसीटीई के पूर्व वाइस चेयरमैन डॉ. एम. पी. पूनिया ने कार्यक्रम में मोटिवेशनल लेक्चर देते हुए विद्यार्थियों को जीवन में आगे बढ़ने और राष्ट्र विकास में अपना योगदान के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विद्यार्थियों से अपने ज्ञान, कौशल और व्यवहार से दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने की बात कही। उन्होंने इंडस्ट्री की डिमांड के अनुसार विद्यार्थियों से अपनी स्किल्स विकसित करने की बात कही।

रजिस्ट्रार प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने एमडीयू की विकास यात्रा का प्रभावी ढंग से ब्यौरा देते हुए विद्यार्थियों को  एबिलिटी, एफर्ट और एटीट्यूड से सफलता पाने का फार्मूला दिया। डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. सुरेंद्र कुमार ने आभार जताया और महर्षि दयानंद सरस्वती का प्रेरक प्रसंग सुना कर विद्यार्थियों को प्रेरित किया। डीएसडब्ल्यू प्रो. रणदीप राणा ने विद्यार्थियों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं बारे जानकारी दी। परीक्षा नियंत्रक डॉ. बी.एस. सिन्धु ने परीक्षा व्यवस्था बारे जानकारी दी।

कनाडा के उद्यमी अंशुल रुहिल तथा बिजनेस लीडर, थिंकर चेतन हांडा ने भी इंडक्शन प्रोग्राम में विद्यार्थियों से इंटरेक्शन करते हुए स्टार्ट अप और एंटरप्रेन्योरशिप की दिशा में सफलता प्राप्ति का मंत्र दिया। निदेशक युवा कल्याण डॉ. जगबीर राठी ने कार्यक्रम में मंच संचालन किया। सहायक निदेशक युवा कल्याण डॉ. प्रताप राठी ने आयोजन सहयोग दिया।

डीन, स्टूडेंट्स वेलफेयर, डीन एकेडमिक अफेयर्स तथा इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस इंडक्शन प्रोग्राम में डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. सुरेंद्र कुमार, रजिस्ट्रार प्रो. गुलशन लाल तनेजा, डीएसडब्ल्यू प्रो. रणदीप राणा, डीन आरएंडडी प्रो. अरुण नंदा, निदेशक आईक्यूएसी प्रो. बी. नरसिम्हन, चीफ वार्डन बॉयज प्रो. सत्यवान बरोदा, यूआईईटी निदेशक प्रो. युद्धवीर, शिक्षा विभागाध्यक्ष डॉ. नीरू राठी, निदेशक आईपीआर स्टडीज, प्रो. मुनीष गर्ग, वाईआरसी प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर प्रो. अंजू धीमान, मडूटा प्रधान प्रो. विकास सिवाच समेत प्राध्यापक और विद्यार्थी मौजूद रहे। इस दौरान विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति भी दी।