एमडीयू को वैश्विक ख्याति दिलवाने और शैक्षणिक उत्कृष्टता का ख्यातिनाम केंद्र बनाने को प्रतिबद्ध कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

एमडीयू को वैश्विक ख्याति दिलवाने और शैक्षणिक उत्कृष्टता का ख्यातिनाम केंद्र बनाने को प्रतिबद्ध कुलपति प्रो. राजबीर सिंह
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह।

रोहतक, गिरीश सैनी । पिछले पांच वर्षों में कुलपति प्रो. राजबीर सिंह के कुशल मार्गदर्शन तथा गतिशील नेतृत्व में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक ने उल्लेखनीय प्रगति की है। भविष्योन्मुखी रोड मैप के तहत मदवि के समग्र विकास की योजना है।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने 7 जनवरी 2019 को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति का अतिरिक्त प्रभार संभाला था। 21 फरवरी 2020 को उन्होंने इस विश्वविद्यालय के नियमित कुलपति पद का पदभार ग्रहण किया।

हरियाणा के महामहिम राज्यपाल तथा मदवि के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने एमडीयू एक्ट 1975 के प्रावधानों के तहत कुलपति प्रो. राजबीर सिंह को 21 फरवरी 2023 से 3 वर्ष की कार्य अवधि के लिए कार्यकाल में विस्तार दिया था।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह के कार्यकाल में मदवि ने नैक से वर्ष 2019 में ए प्लस ग्रेडिंग प्राप्त की है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में वर्ष 2019 से लेकर 2023 तक निरंतर देश के श्रेष्ठ 100 विश्वविद्यालयों की सूची में स्थान प्राप्त किया। वहीं, हरियाणा प्रदेश के विश्वविद्यालयों में मदवि प्रथम स्थान पर रहा। यहां का औषध विज्ञान विभाग राष्ट्र के श्रेष्ठ 50 औषध विज्ञान संस्थानों की सूची में शामिल रहा।

अंतर विषयक उच्च अध्ययन तथा शोध को बढ़ावा देने के लिए मदवि में फैकल्टी ऑफ इंटर डिसीप्लिनरी स्टडीज की स्थापना की गई। प्राध्यापकों को उच्च स्तरीय नवीनतम ज्ञान तथा कौशल से युक्त करने के लिए फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर (एफडीसी) को प्रारंभ किया गया।

ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए मदवि में डिजिटल लर्निंग सेंटर की स्थापना एक महत्त्वपूर्ण पहल रही। विशेष रूप से कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षण के प्रयासों में डिजिटल लर्निंग सेंटर की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।

विद्यार्थियों को संचार कौशल, व्यक्तित्व कौशल से युक्त करने के लिए मदवि में सेंटर फॉर लैंग्वेज स्किल्स एंड सॉफ्ट स्किल्स की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम रहा है। ब्रिटिश काउंसिल की सहभागिता से कम्युनिकेशन स्किल्स संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम की महत्वाकांक्षी योजना संचालित की जा रही है ।

यहां के विद्यार्थियों के को स्वरोजगार तथा नवाचार की ओर उन्मुख करने के लिए सेंटर फॉर इनोवेशन, इन्क्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप की स्थापना की गई है, जिसके तत्वावधान में विद्यार्थियों को नवोन्मेषी स्टार्टअप्स के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

मदवि ने सोशल आउटरिच की महत्त्वपूर्ण कड़ी में सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडीज की स्थापना की है। इस संबंध में हाल ही में हरियाणा वेलफेयर सोसायटी फॉर स्पीच एंड हियरिंग इंपेयर्ड के साथ एमओयू भी किया गया है। भारतीय सांकेतिक भाषा संबंधित दो डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किए गए हैं।

सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन के तत्वावधान में महत्त्वपूर्ण पहल के तहत कई स्नातकीय तथा स्नातकोत्तर ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। शैक्षणिक सत्र 2021-2022 में तीन नए पाठ्यक्रम- एमए- इतिहास, मास्टर ऑफ लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस तथा एमए-जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन भी प्रारंभ किए गए हैं।

उच्च स्तरीय, गुणवत्ता परक शोध के लिए मदवि ने रिसर्च प्रमोशन पॉलिसी ईजाद की है। इसके साथ ही, नई आईपीआर पॉलिसी तथा कंसल्टेंसी पॉलिसी भी सृजित की गई है। मदवि में विश्व स्तरीय नेक्स्ट जेन जीनोम सीक्वेंसिंग लेबोरेटरी की स्थापना की गई है। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह के कार्यकाल में आर्यभट्ट सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन लेबोरेटरी भी फंक्शनल की गई है।

विश्वविद्यालय में शोध सहभागिता, कौशल प्रशिक्षण, उच्च अध्ययन संयुक्त कार्यक्रम के लिए भारतीय वायु सेना, एवेंथा सेंटर फॉर इंडस्ट्रीयल रिसर्च एंड डेवलपमेंट, फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, नई दिल्ली, एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर एवरेस्ट ब्लोअर सिस्टम, ब्रिटिश काउंसिल, यूनेस्को, इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट पूसा, आदि  के साथ एमओयू किए गए। डिजिटल लर्निंग सेंटर को प्रोत्साहन देने के लिए इनफ्लिबनेट के साथ एमओयू किया गया।

सोशल आउटरीच में उल्लेखनीय कार्य करते हुए मदवि ने यूथ रेड क्रॉस, राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए। विश्वविद्यालय यूथ रेड क्रॉस तथा राष्ट्रीय सेवा योजना को राज्य स्तर तथा राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया। खेल गतिविधियों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देश के श्रेष्ठ खेल विश्वविद्यालयों में स्थान बनाया।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि आने वाले समय में नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) का क्रियान्वयन, विश्वविद्यालय इंफ्रास्ट्रक्चर का सुदृढ़ीकरण, विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों तथा विद्यार्थियों का क्षमता संवर्धन, सोशल आउटरीच का विस्तार तथा उच्च अध्ययन व शोध को गुणवत्तापरक ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प है। कार्यकाल के पांच वर्ष पूरे होने पर कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने एमडीयू को वैश्विक ख्याति दिलवाने और शैक्षणिक उत्कृष्टता का ख्यातिनाम केंद्र बनाने की प्रतिबद्धता जाहिर की।