कुलपति प्रो सुदेश ने पूर्व छात्रों से किया सांस्कृतिक विरासत को सहेज कर रखने का आह्वान
बीपीएसएमवी की वार्षिक एलुमनी मीट में पूर्व छात्राओं ने विद्यार्थी जीवन को याद किया।
खानपुर कलां, गिरीश सैनी। पूर्व छात्र किसी भी संस्थान की अमूल्य धरोहर होती हैं। एलुमनी एसोसिएशन विश्व भर में संस्थान का नाम ऊंचा कर रहे पूर्व छात्रों को एक मंच पर लाने का सशक्त प्लेटफार्म है। ये बात भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां की कुलपति प्रो सुदेश ने शनिवार को आयोजित वार्षिक एलुमनी मीट-2024 को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही।
कुलपति प्रो सुदेश ने अपने संबोधन की शुरुआत महान शिक्षाविद भगत फूल सिंह, बहन सुभाषिनी देवी और संत रविदास को नमन करते हुए की। उन्होंने कहा कि सभागार में मौजूद पूर्व छात्रों के चेहरे का उल्लास बता रहा है कि वह यहां आकर कितनी खुशी अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने पूर्व छात्रों का आह्वान किया कि वे भगत फूल सिंह की इस तपोस्थली की मजबूत सांस्कृतिक विरासत को सहेज कर रखें और इस धरोहर को आगे बढ़ाएं। कुलपति प्रो सुदेश ने कहा कि भगत फूल सिंह की नारी शिक्षा व सशक्तिकरण की अवधारणा ने महिलाओं को बराबरी दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। आज विज्ञान, तकनीक सहित हर क्षेत्र में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी नजर आती है। उन्होंने अपने संबोधन में गीतों व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नारी चित्रण को मर्यादा व आदर के साथ प्रस्तुत करने की बात भी कही। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के शैक्षणिक विकास के लिए पूर्व छात्र अपने सुझाव व विचार अवश्य साझा करें।
विश्वविद्यालय के शैक्षणिक खंड-एक स्थित बहुउद्देशीय हाल में आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन एलुमनी एसोसिएशन तथा शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। मुख्य अतिथि कुलपति प्रो सुदेश ने अन्य गणमान्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में बहन कमला व शकुंतला उपस्थित रही।
कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे सभी पूर्व छात्रों का तिलक कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम निदेशक एवं शिक्षा विभाग की अध्यक्ष डॉ अनु बल्हारा ने कुलपति का स्वागत किया। डॉ किरण कलकल ने एलुमनी एसोसिएशन की गत वर्ष की रिपोर्ट प्रस्तुत की और गतिविधियों का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में एलुमनी एसोसिएशन द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
इस अवसर पर छात्राओं द्वारा प्रस्तुत विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने उपस्थित जन का मन मोह लिया। जहां हरियाणवी नृत्य की थाप पर पूरा सभागार थिरक उठा, वहीं लघु नाटिका के माध्यम से छात्र जीवन और हॉस्टल में बिताए पलों की यादें ताजा कर दी। हरियाणवी गीत और पंजाबी गिद्धे की धुनों पर भी सभागार में मौजूद पूर्व छात्राओं ने जमकर ताल मिलाई।
कुलपति प्रो सुदेश ने पूर्व छात्रा डॉ रीना द्वारा प्रायोजित रीना अभिषेक अवार्ड बीएएमएस-1 की टॉपर एकता और बीएएमएस-2 की टॉपर तन्वी को प्रदान किया। एम.एस.एम. आयुर्वेद संस्थान के पूर्व प्राचार्य डॉ विजय कौशिक ने अगले वर्ष से बीएएमएस अंतिम वर्ष के टॉपर को सम्मानित करने की घोषणा की।
इस अवसर पर पूर्व छात्राओं ने अपने छात्र जीवन के अनुभव भी साझा किए। 1966 बैच की जेबीटी छात्रा हुकुम कौर ने अपने स्कूली दिनों को याद किया। वहीं वर्तमान में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत शिक्षा विभाग की पूर्व छात्रा अंजलि श्योकंद ने छात्र जीवन की यादें ताजा करते हुए अपने शिक्षकों को याद किया। विधि विभाग की 2007 बैच की छात्रा संध्या ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि आज वे एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में अपनी सेवाएं दे रही हैं और इस मुकाम तक पहुंचने में विश्वविद्यालय का बहुत बड़ा योगदान है। पूर्व छात्रा पूनम नरवाल ने एक प्रभावशाली कविता के माध्यम से छात्र जीवन की यादें ताजा की। समारोह स्थल पर बनाए गए सेल्फी प्वाइंट पूर्व छात्राओं के बीच आकर्षण का केंद्र रहे और छात्राएं अपनी साथी छात्राओं के साथ सेल्फी खींचती नजर आई।
इस कार्यक्रम में डीन, अकादमिक अफेयर्स प्रो संकेत विज, कुलसचिव प्रो नीलम मलिक, एलुमनाई निदेशक डॉ विवेक अग्रवाल, डीन, छात्र कल्याण प्रो श्वेता हुड्डा, परीक्षा नियंत्रक डॉ संदीप दहिया, निदेशक जनसंपर्क ले.कर्नल (डॉ) अनिल बल्हारा सहित विभिन्न संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, गैर शिक्षक कर्मी, शोधार्थी व विद्यार्थी मौजूद रहे।