कुलपति प्रो सुदेश ने दिया -डोंट गिव अप का मंत्र
महिला विवि के धरा इको-क्लब द्वारा मृदा उर्वरता पर कार्यक्रम आयोजित।
खानपुर कलां, गिरीश सैनी। भगत फूल सिंह महिला विवि के धरा इको-क्लब द्वारा "ग्रोइंग रिजेनरेटिव फूड फॉरेस्ट इन बीपीएसएमवी कैंपस - ए शेयर्ड रिस्पांसिबिलिटी" विषयक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिला विवि में पर्यावरणीय जिम्मेदारी की संस्कृति को बढ़ावा देना और मृदा स्वास्थ्य को बेहतर बनाने व विवि परिसर के इकोलॉजिकल फुटप्रिंट कम करने के उपायों की खोज करना था।
बतौर मुख्य अतिथि, महिला विवि की कुलपति प्रो. सुदेश ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। रिसोर्स पर्सन के रूप में सहजीवन फाउंडेशन से सुधीर सिंह और नरेश उपस्थित रहे।
कुलपति प्रो. सुदेश ने अपने प्रभावशाली संबोधन में शैक्षणिक संस्थानों में सस्टेनेबिलिटी के महत्व पर बल देते हुए कहा कि युवा पीढ़ी विशेषकर विद्यार्थी पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहतरीन प्रयास करते हुए राष्ट्र निर्माण में योगदान दें। उन्होंने उपस्थित जन को घरों के अलावा विवि के हॉस्टलों में किचन वेस्ट को खाद में बदलने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि इससे मिट्टी के पोषक तत्वों में वृद्धि होगी। कुलपति ने "डोंट गिव अप" का मंत्र देते हुए कहा कि विवि की तरक्की के लिए विद्यार्थियों का जागरूक होना आवश्यक है। उन्होंने छात्राओं का आह्वान किया कि वे सोशल मीडिया के अनावश्यक उपयोग से बचें और अपनी खानपान की आदतों को सुधारें।
रिसोर्स पर्सन सुधीर सिंह और नरेश ने मृदा उर्वरता के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि स्वस्थ मिट्टी सस्टेनेबल कृषि की आधारशिला है। उन्होंने खाद्य वन उगाने जैसी कृषि प्रथाओं को अपनाकर मिट्टी का पोषण बढ़ाने के प्राकृतिक तरीकों पर भी बात की। उन्होंने वेटिवर जैसी प्राकृतिक घास के उपयोग, मल्चिंग आदि तकनीकों से भी अवगत कराया।
प्रारंभ में धरा इको-क्लब की मेंटर डॉ. दीपाली माथुर ने स्वागत संबोधन किया तथा रिसोर्स पर्सन का परिचय दिया। कार्यक्रम के अंत में धरा इको-क्लब की स्वयंसेविकाओं ने कुलपति प्रो. सुदेश को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम संचालन में छात्राओं पवित्रा, साक्षी, मानसी, स्वाति व किरण ने सहयोग दिया। इस दौरान निदेशक आई.क्यू.ए.सी. प्रो. अशोक वर्मा, चीफ वार्डन प्रो. शालिनी, केमिस्ट्री विभागाध्यक्ष डॉ. भूपेंद्र सिंह, डॉ. सुदीप्ता सिल सहित हास्टल वार्डन मौजूद रहे।