समाचार विश्लेषण/हमें बहुत गर्व है हरियाणा पर
-कमलेश भारतीय
यों ऐसा तो पहली नवम्बर को कहना या लिखना चाहिए था जब हरियाणा दिवस मनाया जाता है पर मूड आज ही बन गया तो पहली नवम्बर का इंतज़ार कौन करे ? हरियाणा ने बहुत कुछ देश को सिखाया । महाभारत के दौरान गीता की कथा यहीं से तो विश्व भर में फैली । महाभारत की धरती से कुरूक्षेत्र ने सिखाया कि अन्याय का विरोध करो चाहे अपने ही सामने क्यों न हों । डट जाओ अन्याय के खिलाफ । कुरूक्षेत्र की कथा के बाद आधुनिक करनाल की कथा और कल्पना चावला ने कितना गौरव बढ़ाया । फिर यह हरियाणा ही है जिसके विषयों पर दंगल और सुल्तान जैसी फिल्में बन गयीं और फौगाट बहनें खूब वाहवाही लूट रही हैं । यह हरियाणा ही है जहां महिला विश्वविद्यालय बनाया गया खानपुर कलां में । यह हरियाणा ही है जहां अग्रोहा है जिसका एक ईंट , एक रुपये का मंत्र सारी दुनिया में कहीं नहीं है । ऐसा भाईचारा । कमाल ।
थोड़ा दूसरा रूप भी दिखा दूं ? यह हरियाणा ही है जिसने सारे देश को आयाराम गयाराम की राजनीति का गुरुमंत्र दिया और पूरी की पूरी सरकार के दलबदल की अनोखी राजनीति का मार्ग दिखाया । ब्रीफ केस की राजनीति भी यहीं से शुरू हुई । अमित शाह बहुत गहराई से हरियाणा की राजनीति को जानने के बाद अपनी रणनीति बनाते हैं और हरियाणा की छाप साफ साफ दिखाई देती है । यह हरियाणा ही है जहां एसवाईएल एक ऐसी जीवन रेखा है जिसका कोई निशान कहीं दिखाई ही नहीं देता । सरकार किसी की हो , कोई फर्क नहीं पड़ता । यह हरियाणा ही है जहां कंगना रानौत को टक्कर देने वाली सोनाली फौगाट मौजूद है । टिक टाॅक स्टार । ऐसी झांसी की रानी कि अन्याय बर्दाश्त ही नहीं करती । कभी चप्पल तो कभी डंडा लेकर पिल पड़ती है गलत काम करने वाले पर । भाजपा ने भी पूरी छूट दे रखी है । यह हरियाणा ही है जहां मुख्यमंत्री के सपने देखते देखते लोग राजनीति से रिटायर हो जाते हैं । कितने ख्वाब देखते हैं और हाईकमान को भी खूब परेशान करते हैं । अपनी ही सरकार को गिराना में लगे रहते हैं । यह हरियाणा ही है जो मानेसर में राजस्थान की सरकार गिराने के लिए विधायकों की मेजबानी करने आगे आया । यह हरियाणा ही है जिसके सिपाहियों की राजीव गांधी के आवास के बाहर निगरानी ने भूचाल ला दिया था राजनीति में । क्या क्या सुनाऊं आपको अपने हरियाणा की कहानियां ? यह हरियाणा ही तो है जहां मंत्री एयरहोस्टस के चक्कर में अपना राज-पाट खो बैठे और दूसरे अपने प्रेम के चक्कर में धर्म तक बदल बैठे । राज तो खो ही दिया । सब न्योछावर । ऐसे प्रेम के लिए कितने भी ताजमहल बनवा दो , कम पड़ेंगे कि नहीं ? यो तो बहुत कुछ छूट गया होगा बताने में पर म्हारे हरियाणे का क्या कहना ? है कोई मुकाबले में ? कोई कमी रह गयी तो बताना पहली नवम्बर को फिर सही ।
देसां में देस हरियाणा
जित दूध दही का खाना .... नहीं रहा
यहां तो शराब कांड हुआ और जांच जारी है ....