दोआबा कॉलेज में वर्ल्ड सेफटी एंड हेल्थ एैट वर्क-डे पर वैबीनार आयोजित

दोआबा कॉलेज में वर्ल्ड सेफटी एंड हेल्थ एैट वर्क-डे पर वैबीनार आयोजित
दोआबा कॉलेज में आयोजित वैबीनार में डा. राजीव शर्मा उपस्थिति को सम्बोधित करते हुए।

जालन्धर: दोआबा कॉलेज के इंटरनल क्वॉलिटी अश्योरेंस सेल (आईक्यूऐसी) द्वारा वर्ल्ड डे सेफटी एंड हेल्थ ऐट वर्क पर बैवीनार का आयोजन किया गया जिसमें डा. राजीव शर्मा- जिला टीबी अफसर बतौर रिसोर्स पर्सन उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिनंदन प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी, प्रो. संदीप चाहल-संयोजक आईक्यूऐसी तथा 85 प्राध्यापकों ने किया। मुख्यवक्ता का स्वागत करते हुए प्रिं. प्रदीप भंडारी ने कहा कि वर्तमाण कोविड-19 के दौर में वर्क प्लेस में यह बहुत जरूरी है कि वर्करस के तौर पर यह हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम स्वयं सुरक्षित रूप से कार्य कर अपने आप को ना केवल प्रोटेक्ट करें दूसरों के लिए भी खतरा ना बनें। इसलिए हमें सभी जरूरी सावधानियाँ एवं एहतियात बरतनी चाहिएं तांकि हमारी व दूसरों की मेंटल एवं फिजिकल हेल्थ सही रहे और हम सट्रैस फ्री वातावरण में सुचारु ढंग से कार्य कर सकें तथा कॉलेज में इसको सुचारू ढंग से लागू किया जा रहा है। 

डा. राजीव शर्मा ने कहा कि इस विशेष दिवस के उपलक्ष्य में हमें यह प्रण लेना चाहिए कि हम अपने कार्य करने के क्षेत्र में यह सुनिश्चित करें कि वहां पर कार्य करने वाले सभी कर्मियों कि मानसिक, शारीरिक व आत्मिक सेहत अच्छी रहे जिसके लिए बहुत जरूरी है कि हम कोविड-19 कि चुनौती का सामना करते हुए सभी कार्यकर्मियों का समय समय पर मैडीकल चैकअप करवाते रहें तांकि उनका बल्डप्रैशर, डायबिटीज, कम्यूनीकेबल एवं नॉन-कम्यूनीकेबल बिमारियों का समय रहते पता कर सही इलाज करवा पाएं तथा इसके साथ ही इन सभी लोगों के लिए मेंटल सट्रैस दूर करने के उपायों के तहत योगा व मैडीटेशन के सैशनस भी लगवाएँ तथा सभी कर्मियों को मैडीकल अश्योरेंस भी करवानी चाहिए। उन्होंने सभी को बार बार अपने हाथों को साबुन से साफ करने, सैनाटाईज करने, तीन लेयर का मास्क पहनने तथा वर्क प्लेस को सोडियम हाईपो कलोराईट के सोलयूशन से सैनाटाईज करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ऑनलाईन कलासिस ने ऑफलाईन क्लासिस कि जगह तो थोड़े समय के लिए ले ली है परन्तु लाईव क्लासिस में प्राध्यापक विद्यार्थियों को ज्यादा बढिय़ा तरीके से रूबरू होकर गतिशील कार्य करवा सकते हैं जिससे कि शिक्षक व शिष्य का सम्बन्ध भी बढ़िया बनता है।