वोट की चोट से क्या क्या न हुआ ? 

वोट की चोट से क्या क्या न हुआ ? 

-*कमलेश भारतीय
-आओ संजय! आज तो चुनाव महाभारत के सारे परिणाम ले आये होंगे? 
-जी महाराज धृतराष्ट्र! सब समाचार जुटा लाया आपके लिए ! 
-यह तो बड़ी अच्छी बात है वत्स! बताओ फिर क्या क्या रहा महाभारत में? 
-सबसे बड़ी बात कि वोट की चोट से आठ मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष हार गये  महाराज ! इसके बावजूद भाजपा जीत गयी और तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने जा रही है । 
-यह तो अद्भुत समाचार है वत्स ! 
-जी महाराज ! अगला महत्त्वपूर्ण समाचार यह कि आदमपुर में चौ भजनलाल का गढ़ अभेद्य नहीं रहा। 
-कैसे? 
-इसे पूर्व प्रशासनिक अधिकारी चंद्रप्रकाश ने ढहा दिया। वे पंडित रामजीलाल के परिवार से हैं, जो कभी चौ भजनलाल के दायें हाथ माने जाते थे! इसी प्रकार अभय चौटाला पराजित रहे और उचाना में सबसे कम  32 मतों से पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बृजेंद्र सिंह पराजित हुए ! कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष उदयभान अपने गढ़ का बचाव नहीं कर पाये ! 
-कांग्रेस के पराजित हो जाने के पीछे क्या कारण रहे संजय? 
-महाराज! लोकसभा चुनाव में मिली विजयश्री ने अतिउत्साह से भर दिया। यह अतिउत्साह एक बड़ा कारण रहा, दूसरा मुख्यमंत्री पद के लिये तीन शीर्ष नेताओं में खींचतान और एक महिला नेत्री का सार्वजनिक अपमान! टिकट वितरण भी असंतुलित और बिलम्ब से ! ऐसे अनेक बड़े कारण हैं कांग्रेस के पराजित रहने के ! मंच पर हाथ मिलाकर भी दिल नहीं मिले ! मुख्यमंत्री ही नहीं उपमुख्यमंत्री बनने के सपने देखने वाले भी सामने आये लेकिन पराजित रहे ! 
-भाजपा ने क्या क्या उपाय किये? 
-कितने ही प्रत्याशियों को निर्दलीय चुनाव में उतारा बी प्लान के तहत, आप के अरविंद केजरीवाल को अचानक कारागार से बाहर आने का अवसर और इसी प्रकार सुनारिया कारागार से यौन उत्पीड़न के दोषी बाबा को पैरोल के साथ साथ कांग्रेस के ही कुछ मुद्दे अपनाकर हल कर देना ! 
-जजपा का क्या हुआ वत्स? पिछली बार तो सत्ता की चाबी इसके हाथ लगी थी। 
-इस बार ऐसा नहीं हुआ, चाबी वाले उपमुख्यमंत्री की धरोहर राशि भी वापस नहीं मिलेगी, महाराज । इसी प्रकार अरविंद केजरीवाल के नब्बे में से सिर्फ एक की धरोहर राशि वापस मिलेगी ! न आप कहीं कुछ कर पाई और न ही जजपा ! 
-और कुछ मज़ेदार? 
-चाचा अभय चौटाला और भतीजा दुष्यंत चौटाला दोनों पराजित हुए ! क्यों भई चाचा, हां भतीजा! चल घर जल्दी हो गयी देर करते सिरसा लौट आये हैं! 
-सिरसा के क्या समाचार हैं? 
-वहां भी कभी चर्चित यौनाचार कांड से जुड़े लेकिन न्यायालय से मुक्त हुए गोपाल कांडा को इस बार पराजय का सामना करना पड़ा! वे दो नावों में सवार थे -भाजपा और इनेलो से समझोते के बावजूद कमाल नहीं कर पाये ! 
-अच्छा ऐसा! 
-जी महाराज! अब सभी सेनायें अपने अपने शिविरों में लौट चुकी हैं और विजयश्री में मस्त हैं, मुझे भी आज्ञा दीजिये, महाराज धृतराष्ट्र! 
-जाओ वत्स ! फिर मिलेंगे अगले युद्ध में। 
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।