समाचार विश्लेषण/कांग्रेस में सुधार की कितनी गुंजाइश
-कमलेश भारतीय
कांग्रेस में सुधार की कितनी गुंजाइश है ? खासतौर पर जी 23 समूह जिस तरह से आलोचना कर रहा है उस संदर्भ में क्या कोई गुंजाइश है? वीरप्पा मोइली ने कांग्रेस की बड़ी सर्जरी की मांग उठाई है तो कपिल सिब्बल ने भी विचार विमर्श करने की बात कही है । दोनों नेता काफी मुखर होकर आलोचना कर रहे हैं कांग्रेस हाईकमान की । इसके विरोध में सलमान खुर्शीद सामने आए हैं और पूछ रहे हैं कि आखिर आलोचना का अधिकार किसको ? क्या उनको जो पहले बड़े बड़े पदों पर सुशोभित रहे और आम भाषा में मलाईदार पदों पर रहे क्या उनको अधिकार है इस तरह चिट्ठियां लिखने का ? ये लोग केंद्रीय मंत्री रहे और महत्त्वपूर्ण पदों का साथ पाकर कांग्रेस हाईकमान की आंखों के तारे बने रहे। और अब जब विपक्ष में बैठने का समय आया तब यही लोग विरोध की आवाज़ बुलंद करने लगे । क्यों? यही बात सलमान खुर्शीद कह रहे हैं कि अब आलोचना का समय नहीं । कांग्रेस के हाथ को मजबूत करने का समय है लेकिन जी 23 समूह सिर्फ आलोचना करने में जुटा है । किसलिए ? क्या पार्टी का इससे कोई भला होगा ? क्या राहुल गांधी को संभावित तौर पर अध्यक्ष बनाये जाने का विरोध शुरू है ? क्या ये नेता अपने दम पर इन ऊंचे पदों पर पहुंचे थे ? नहीं न । तब कांग्रेस हाईकमान की नजदीकियों का फायदा उठा कर ही इन पदों पर सुशोभित हुए थे । अब विपक्ष में कांग्रेस की कोई मदद करने की बजाय सरेआम आलोचना कर इसकी इमेज खराब कर रहे हैं । क्यों ?
कांग्रेस को अभी विधानसभा चुनावों में जाना है और पंजाब में नवजोत सिदुधू इसकी गोभी खोदने में जुटे हैं। पिछले चुनाव में भाजपा से अलग हुए थे और आप में जाते जाते कांग्रेस में बात बन गयी थी । इस बार भी क्या पता भाजपा या आप में ही पलटी मार जायें । क्योंकि वे कह रहे हैं कि कैप्टन के साथ उनकी नहीं निभेगी । कांग्रेस हाईकमान जैसे राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ है, वैसे ही पंजाब में कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ दिखाई दे रहा है । फिर हल क्या है ? एक का कांग्रेस से विदा होना साफ दिखता है ।
खैर । अब कांग्रेस हाईकमान पर निर्भर है कि क्या कदम उठायेगी ?