ये कैसा प्यार और कैसा परिवार?
-कमलेश भारतीय
बल्लभगढ़ की एकतरफा प्यार की वारदात ने फिर हिला कर रख दिया और सोचने पर मजबूर किया कि यह कैसा प्यार और कैसा राजनीतिक परिवार? क्या राजनीतिक परिवार से होना अपराध करने का लाइसेंस देता है ? नहीं । बल्कि राजनीतिक परिवार के लोगों को तो समाज में अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए । एकतरफा प्यार में किसी की जान लेने का अधिकार कहां ? तौसीफ़ ने यही किया । निकिता के प्यार और धर्म परिवर्तन कर शादी से इंकार करने के बाद अपहरण की कोशिश की जिसमें नाकाम होने पर सिर में गोली मार दी जिससे वह मासूम बिना किसी दोष के दम तोड़ गयी ।
तौसीफ़ के दादा, चाचा और,चचेरे भाई न केवल विधायक बल्कि मंत्री तक रहे और इसी के बल पर अगस्त, 2018 में जब पहली बार निकिता का अपहरण किया था, तब पिता से माफी दिलवा कर तौसीफ़ को छुड़ा ले गये थे । काश, वह माफी न दी होती तो आज निकिता को इस तरह मारने की हिम्मत न कर पाता । इसे लव जेहाद भी कहा जा रहा है ।
कुछ पूर्व निकट के कस्बे भादरा में भी ऐसा ही कांड हुआ था जब स्कूल में ही नल से पानी पीती लड़की को गोली मार कर सदा की नींद सुला दिया था एक मुस्लिम युवक ने एकतरफा प्यार में । तब मैं तीन चार दिन इसे कवर करने गया था और कस्बे में साम्प्रदायिक माहौल बन गया था और नौबत कर्फ्यू तक की आ गयी थी । बड़ी मुश्किल से यह मामला निपटा । पूर्व विधायक तक को हिरासत में ले लिया गया था ।
इस तरह के एकतरफा प्यार में प्रेमिका की हत्या कर देने या एसिड फेंक देने के पहले भी अनेक मामले सामने आए हैं । एसिड अटैक के ज्यादातर मामलों में एकतरफा प्यार ही होता है । इसका मनोवैज्ञानिक उपचार तो है लेकिन यदि राजनीतिक परिवार ने समय रहते ध्यान दिया होता तो निकिता अपने परिवार में हंस खेल रही होती । अब हाइवे जाम और कुछ दिन हंगामें में बीतेंगे बल्लभगढ़ निवासियों के । फिर वही,,,,कहीं और ऐसी वारदात की खबर मिलेगी ....