कैसी कैसी नाराजगियां और शिकियतें..
-*कमलेश भारतीय
चुनाव में कैसी कैसी नाराजगियां झेलनी पड़ती हैं। अभी देखिए न कैसे हमारे दाढ़ी वाले बाबा यानी पू्र्व मंत्री अनिल विज अपनी ही पार्टी से कितने नाराज हैं और नाराजगी छिपाने की कोई कोशिश भी नहीं कर रहे । उनकी नाराजगी है कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें कुछ नहीं बताया । इतना ही कहा कि इस्तीफा देना है और यूटी गेस्ट हाउस में भी कुछ नहीं बताया । इसलिए मैं बैठक से बाहर निकल आया । इसके बाद से इतने नाराज हैं कि कह रहे हैं कि मैं अपनी औकात जान गया हूँ और अब अपने चुनाव क्षेत्र तक ही सीमित रहूंगा । कहीं भी, किसी भी दूसरी जगह चुनाव प्रचार करने नहीं जाऊंगा।
चलिए दाढ़ी वाले बाबा ने दिल की बात होंठों पर लाकर सच तो बता दिया ऐसे लोग बहुत अच्छे लगते हैं । एक अपने आदमपुर वाले चौ भजनलाल के वारिस हैं और पूर्व सांसद भी यानी कुलदीप बिश्नोई, वे भाजपा प्रत्याशी चौ रणजीत चौटाला के आदमपुर चुनाव प्रचार के दौरान कहीं नज़र नहीं आये। यही नहीं उनके बेटे भव्य बिश्नोई, जो आदमपुर से अब विधायक हैं, वह भी प्रचार से दूर ही रहे जबकि इनकी ओर से कहा गया कि हमसे बिना विचार विमर्श किये आदमपुर में चुनाव प्रचार कार्यक्रम रख लिये गये । इसमे हम क्या कर सकते हैं। वैसे भव्य बिश्नोई के चुनाव के समय रात दिन एक कर चौ रणजीत चौटाला ने प्रचार किया था और अब अपनी बारी आने पर ऐसा लगता है कि तालमेल की कमी बता कर किनारा कर लिया। यह तो सब जानते हैं कि खुद कुलदीप बिश्नोई हिसार लोकसभा क्षेत्र से भाजपा टिकट के दावेदार थे लेकिन टिकट मिली रणजीत चौटाला को और ऐसे में तालमेल हो तो कैसे हो ? इसी तरह कैप्टन अभिमन्यु भी हिसार लोकसभा क्षेत्र से भाजपा टिकट चाहते थे लेकिन वे भी खाली हाथ रह गये और अभी तक चौ रणजीत चौटाला के प्रचार में नहीं दिखे। ऐसी नाराजगी देखी नहीं कभी।
तभी तो हरियाणा में मज़ेदार कहावत है कि ब्याह में फूफा तो रूठेगा ही रूठेगा। अब पता नहीं कौन कौन से फूफा, कहां, कहां रूठेंगे। वैसे चौ रणजीत चौटाला ने भव्य बिश्नोई के प्रचार में साथ न आने पर कहा कि कोई साथ न दे तो मै भी साथ नहीं देता पर आप तो आदमपुर उपचुनाव में साथ दे चुके, आपको वापस खाली हाथ रहना पड़ा। यह अलग बात है ।
मथुरा में अभिनेत्री हेमामालिनी तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं और अपनी मां का साथ देने दोनों बेटियां चुनाव प्रचार में साथ देने आईं और मंदिरों में शीश भी झुकाये । सिरसा से भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर की निर्वाचन आयोग से शिकायत की गयी है कि उन्होंने धर्म के सहारे चुनाव प्रचार किया । रणदीप सुरजेवाला को निर्वाचन आयोग ने दो दिन प्रचार करने से रोक दिया दिया, जो उन्होंने हेमामालिनी पर अभद्र टिप्पणी की थी । दूसरी ओर हरियाणा महिला आयोग भी जवाब मांग रहा है और रणदीप सुरजेवाला भी वकील हैं और वे पूछ रहे हैं कि एक ही कसूर की दो सजायें कैसे? कंगना रानौत पर भी हमीरपुर यूथ क्लब के नाम से कोई आपत्तिजनक पोस्ट डाली गयी है, जिसकी शिकायत भी दिल्ली पहुंचा दी गयी है। इस तरह निर्वाचन आयोग का काम बढ़ता जा रहा है और फूफाओं को मनाने का काम भी बढ़ता जा रहा है।
मर्ज़ बढंता गया
ज्यों ज्यों दवा की...
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।