हेमामालिनी के गालों जैसी ही सड़कें क्यों?
-*कमलेश भारतीय
इसमें कोई शक नहीं कि प्रसिद्ध अभिनेत्री हेमामालिनी 'ड्रीम गर्ल' के नाम से जानी जाती हैं और 'शोले' फिल्म में गब्बर भी कहता है कि कौन सी चक्की का आटा खाती हो, बसंती? और कपिल शर्मा शो में कपिल भी स्वप्नसुंदरी हेमामालिनी की तरीफों के पुल बांधता है लेकिन लालू प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री रहते समय कहा था कि हम बिहार की सड़कों को हेमामालिनी के गालों जैसी चकाचक बना देंगें। अब इतने सालों बाद नयी दिल्ली के उत्तमनगर क्षेत्र के विधायक नरेश बाल्यान ने एक बार फिर यही बात कह डाली है कि हम उत्तमनगर की सड़कों को हेमामालिनी के गालों जैसी बना देंगे, जिस पर राज्यसभा सदस्य व दिल्ली के महिला आयोग की पूर्वाध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कड़ा एतराज दर्ज करवाते कहा कि अरविंद केजरीवाल को चाहिए कि ऐसी सोच वाले व्यक्ति पर तुरंत कार्यवाही करें । स्वाति ने बाल्यान का वीडियो वायरल कर यह आपत्ति दर्ज करवाई है । स्वाति का कहना है कि यह बयान पूर्णतया महिला विरोधी बयान है । इसकी जितनी निंदा की जाये कम है । वायरल वीडियो में नरेश बाल्यान कह रहे हैं कि सब टकाटक हो जायेगा । उत्तमनगर की सड़कों को हेमामालिनी के गालों जैसी बना देंगे । स्वाति के अनुसार इससे घटिया सोच नहीं हो सकती । ऐसी घटिया सोच की सभ्य समाज में कोई जगह नहीं होनी चाहिए । स्वाति ने केजरीवाल से अपील की है कि ऐसी गिरी हुई सोच के व्यक्ति पर तुरंत कार्यवाही करें ।
वैसे भी अब हेमामालिनी सिर्फ और सिर्फ अभिनेत्री नहीं रह गयी हैं, वे लगातार तीसरी बार मथुरा से भाजपा की टिकट पर सांसद बनी हैं और आज भी शास्त्रीय नृत्य करती हैं व सक्रिय हैं समाज व जीवन में । लालू यादव ने भी कोई बहुत अच्छी बात नहीं कही थी और इतने बरसों बाद नरेश बाल्यान की ओर से ऐसी बात को दोहराना किसी भी महिला के लिए अपमानजनक है, बिल्कुल भी शोभा नहीं देता ! बहुत निचले स्तर की बात है, कोई पलट के यह कह दे कि उत्तमनगर की सड़कें विधायक के परिवार की किसी महिला के गालों जैसी चकाचक होंगीं तो कैसा लगेगा? क्या गब्बर खुश होगा ? शाबासी देगा क्या ?
वैसे तो स्वाति मालीवाल पहले आप में ही शामिल थीं लेकिन एक प्रकरण के चलते वे आप से दूर हो गयीं । हालांकि आप ने ही राज्यसभा में पहुंचाया । खैर, इसके बावजूद स्वाति मालीवाल की बात में दम है और सचमुच अरविंद केजरीवाल को इसका संज्ञान लेना चाहिए ।
वैसे भी अपना देश तो इस सोच का देश है कि-
यत्र नार्यस्तु पूज्यंते
रमंते तत्र देवता !
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।