मोबाइल टॉवरों से पहले चिड़िया भटकी अब विमान
अमेरिका को 5जी परेशानी में डाल रहा है, जबकि फ्रांस और जापान इस समस्या से बचने में कामयाब रहे हैं।
शिमला प्रवास के दौरान सिटी बस पकड़ने के लिए मैं जिस रास्ते से गुजरता था वहां एक झाड़ी पर सैकड़ों गौरैया देखकर मन प्रसन्न हो जाता था। इसे स्पैरो अथवा आम बोलचाल में घरेलू चिड़िया भी कहते हैं। बचपन की अनेक यादें हैं जब चूंचूं करती एक नन्हीं सी चिड़िया बड़ी निडरता से मेरी थाली में से चावल उठा ले जाती थी। घर के बरामदे में ये अपना घोंसला बनाती थीं और छत व आंगन में हमारे आसपास ही खेलती थीं। अब महानगरों में गौरैया नहीं दिखती। खेतों में कीटनाशकों के अधिक प्रयोग, वायु प्रदूषण और मोबाइल टॉवरों से निकले वाली तरंगों के दुष्प्रभाव से गौरैया शहरों से गायब हो गयी हैं। मोबाइल के आगे एक नन्हीं सी चिड़िया की कौन सुने, लेकिन विमानों की परेशानी को देखते हुए अमेरिका को अपना 5जी नेटवर्क चालू करने का प्लान रोकना पड़ गया। भारत समेत कई देशों के पायलटों ने अमेरिका में हवाई अड्डों के आसपास 5जी टॉवर लगाने का विरोध करते हुए उड़ानें रद्द करवा दीं।
दरअसल 5जी नेटवर्क और कुछ बड़े विमानों के उतरने में सहायक उपकरणों की तरंगें लगभग एक ही लेवल की होती हैं, जिससे विमान की सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है और कभी भी दुर्घटना हो सकती है। फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने 5जी स्पेक्ट्रम से विमान के ऊंचाई मीटर की कार्यप्रणाली गड़बड़ाने को लेकर चिंता व्यक्त की थी, जिसके बाद अमेरिका में एयर इंडिया को कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। फेडरेशन में 6000 पायलट शामिल हैं। हवाई जहाज का रेडियो अल्टीमीटर जमीन के ऊपर विमान की ऊंचाई का पता लगाता है। जिस बैंड पर रेडियो अल्टीमीटर काम करता है, लगभग उसी के आसपास 5G सिस्टम का सी बैंड काम करता है। अमेरिकी दूरसंचार कंपनियों ने 81 अरब डॉलर का भुगतान करके पिछले साल ही सी-बैंड हासिल किया था, अब यह पंगा पड़ गया। सी-बैंड सेवा तेज गति और व्यापक कवरेज प्रदान करती है और यह 19 जनवरी से चालू होने वाली थी। इसके कारण सबसे अधिक समस्या बोइंग 777 श्रेणी के लंबी दूरी और चौड़ी बॉडी वाले विमानों को होती। बोइंग ने इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी करके खतरे की चेतावनी दे दी थी।
एयर इंडिया की जो आठ उड़ानें रद्द की गयीं उनमें दिल्ली से न्यूयॉर्क, शिकागो, सैन फ्रांसिस्को और नेवार्क आने जाने वाली फ्लाइट्स शामिल थीं। फिलहाल तीन कंपनियां - अमेरिकन एयरलाइंस, डेल्टा एयरलाइंस और एयर इंडिया इन उड़ानों का संचालन करती हैं। सुरक्षा संबंधी इस विवाद के बाद एटी एंड टी इंक और वेरिजॉन कम्युनिकेशंस इंक को अमेरिका में अपना पांचवीं जेनरेशन का मोबाइल रोलआउट प्लान बीच में ही रोकना पड गया। सी-बैंड एयरवेव स्पेक्ट्रम का एक हिस्सा है और इसे 5जी कनेक्टिविटी के लिए लोकप्रिय माना जाता है। सी-बैंड को 5जी के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है क्योंकि यह एक विस्तृत स्पेक्ट्रम रेंज प्रदान करता है जिसका उपयोग 4जी नेटवर्क की तुलना में तेज कनेक्शन के लिए किया जा सकता है। चिंता की बात यह है कि 5जी के सी-बैंड द्वारा उत्सर्जित सिग्नल विमान की ऊंचाई के बारे में रेडियो अल्टीमीटर को प्राप्त होने वाले संकेतों में हस्तक्षेप करेगा, जो लो विजिविलिटी या खराब मौसम में लैंडिंग को प्रभावित कर सकता है। अमेरिका को 5जी परेशानी में डाल रहा है, जबकि फ्रांस और जापान इस समस्या से बचने में कामयाब रहे हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं)