हिसार में नाटक का बढ़िया माहौल
जीवन भर थियेटर करता रहूं : विजय
-कमलेश भारतीय
बस एक ही इच्छा कि जीवन भर थियेटर करता रहूं । यह कहना है रंगकर्मी विजय का , जो रंग आंगन नाट्योत्सव में दो नाटकों का मंचन करके गये । एकल नाटक-हमबिसार से चुनाव लड़ रहे हैं और दूसरा मोहन राकेश का प्रसिद्ध नाटक -आधे अधूरे !
-कैसा लगा हिसार ?
-हिसार में नाटक का बहुत बढ़िया माहौल है और मैं यहां दूसरी फिर आया । पहले अनूप मीचूज ने इसी नाटक के लिये आमंत्रित किया था-हम बिहार से चुनाव लड़ रहे हैं और यह जिंदल के तुलसी सभागार में हुआ था ।
-मूल रूप से कहां के रहने वाले हैं ?
-पटना के पास गांव छुटकी कोपा ।
-पढ़ाई लिखाई ?
-ग्रेजुएशन पटना से और फिर दिल्ली में एनएसडी में तीन साल का कोर्स । कुल पांच साल दिल्ली में । एक साल पुणे के फिल्म संस्थान में । अब मुम्बई में पिछले बीस सालों से !
-थियेटर में रूचि कब?
-ग्रेजुएशन के बाद ।
-कैसे ?
-फिल्में देखकर । मन में आया यह कर के देखते हैं ।
-आधे अधूरे में आपकी पत्नी गीता त्यागी ही पत्नी के रोल में है । कोई और नाटक भी साथ साथ किया है ?
-नहीं । हां । अब एक और नाटक जिन्ना की आखिरी रात एकसाथ करने की योजना बन रही है ।
-कोई और भी एकल नाटक किया है ?
-जी । प्रसिद्ध लेखक नरेंद्र कोहली की कहानी शटल का भी एकल नाटक किया । खुद कोहली जी ने अपने घर की ट्रेस पर भी एक शो करवाया था ।
-गीता त्यागी से शादी कब ?
-सात साल पहले । वे भी एनएसडी से ही हैं । वहां भी मुलाकात हुई लेकिन मै मुम्बई आ गया । फिर हमारी मुलाकात हुई सन् 2010 में तो शादी तक पहुंची बात !
-कोई महत्त्वपूर्ण पुरस्कार /सम्मान ?
-बिस्मिल्ला खास के नाम से युवा पुरस्कार के लिये नामित हुआ था लेकिन मेरी उम्र पैंतीस साल से ज्यादा थी -नाम वापस ले लिया । सन् 1999 में ब्रिटिश काउंसिल से फैलोशिप मिली और एक वर्ष लंदन में रहा । विवेचना सन् 2007 पुरस्कार ।
-कोई और शौक ?
-शास्त्रीय संगीत सुनना पसंद ।
-लक्ष्य ?
-जीवन भर थियेटर करता रहूं !
हमारी शुभकामनायें विजय को ।