जिंदल परिवार की राजनीति में वापसी होगी ?
-*कमलेश भारतीय
क्या दस साल के अज्ञातवास के बाद हिसार के प्रसिद्ध उद्योगपति परिवार जिंदल की राजनीति में वापसी होने जा रही है? वापसी होगी या नहीं ? दस साल तक राजनीति से दूरी बनाये रखने के बाद आखिर यह परिवार राजनीति में लौटा और इस बार कांग्रेस से नहीं बल्कि भाजपा के कमल को थामकर ! यानी कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का कमल थाम लिया , लोकसभा चुनाव से पहले और दस साल बाद नवीन जिंदल कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने उतरे और आप के सुशील गुप्ता और इनेलो के अभय चौटाला को पटखनी देकर संसद के लिए चुने गये !
अब विधानसभा चुनाव आ रहे हैं । सवाल हिसार ही नहीं हरियाणा में भी उठ रहा है कि क्या पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल की भी हिसार की राजनीति में वापसी होगी? जिस तरह से नवीन जिंदल ने अग्रसेन भवन में कहा कि भाजपा पर निर्भर है न कि हम पर, उससे भी ये संकेत तो मिल ही जाते हैं कि हिसार से चुनाव लड़ने में जिंदल परिवार की दिलचस्पी है। नवीन जिंदल ने सम्मान समारोह में यह खासतौर पर याद दिलाया कि जिंदल समूह ने हिसार वासियों के उन्हें अपना परिवार मानते हुए कितने विकास कार्य करवाये हैं! जिंदल पार्क, जिंदल टावर सहित अनेक कामों का बखान कर याद दिलाई जिंदल परिवार की ! इसी तरह अचानक से दस साल बाद सावित्री जिंदल सामाजिक कार्यों में बहुत सक्रिय दिख रही हैं और वे सामाजिक समारोहों में लगातार लोगों से मिलजुल रही हैं और यही नहीं जिंदल हाउस में अब उनका दरबार भी लगने लगा है। ये साफ साफ संकेत हैं कि जिंदल परिवार हिसार से विधानसभा चुनाव लड़ने के प्रति कितना गंभीर है !
यदि श्रीमती सावित्री जिंदल को भाजपा टिकट देने का संकेत दे चुकी है तो हरियाणा सरकार में स्वास्थ्य मत्री और हिसार के विधायक डाॅ कमल गुप्ता का राजनीतिक भविष्य क्या होगा? उन्हें भाजपा कैसे एडजस्ट कर पायेगी? हालांकि डाॅ कमल गुप्ता भी पूरी तरह सक्रिय हैं और चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हैं। महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट बनवाने, टाउन पार्क के जीर्णोद्धार, रात्रि के समय सड़कों के खम्भों पर तिरंगा लाइट्स लगवाने और अन्य अनेक विकास कार्यों का उल्लेख करना नहीं भूलते ! इसके बावजूद भाजपा से इस बार टिकट पाने की डगर थोड़ी कठिन हो रही दीखती है । इसी तरह भाजपा से टिकट के प्रबल दावेदारों में एक हैं पूर्व मेयर गौतम सरदाना ! वे भी बड़ी उम्मीद से भाजपा से टिकट मिलने की राह देख रहे हैं। जहा़ं श्रीमती सावित्री जिंदल व डाॅ कमल गुप्ता अग्रवाल समाज से संबंध रखते हैं, नही गौतम सरदाना पंजाबी समाज से आते हैं । हिसार में पूर्व में पंजाबी व अग्रवाल समाज से जुड़े नेता ही विधानसभा में आमतौर पर चुने जाते रहे हैं । एक समय हरि सिंह सैनी और ओमप्रकाश महाजन हिसार का प्रतिनिधित्व करते रहे और मंत्री पद तक पहुंचे ! प्रसिद्ध उद्योगपति ओमप्रकाश जिंदल के सामने सीमित संसाधनों के बावजूद हरि सिंह सैनी ने अपने आखिरी चुनाव में कड़ी टक्कर दी थी ! डाॅ कमल गुप्ता जिनकी पहले चुनाव में बुरी तरह हार हुई थी, वहीं उन्होंने फिर जोरदार वापसी की और हरियाणा के म़त्रिमंडल में भी शामिल हैं ! अब इन तीन संभावित प्रत्याशियों में से भाजपा टिकट किसको मिलती है, यह आने वाले कुछ दिनों में पता चल जायेगा !
जहां तक प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की बात है तो जिस तरह से एकाएक व्यापारी नेता बजरंग दास गर्ग सक्रिय हुए हैं, उससे लगता है कि उनकी पीठ थपथपा दी गयी है! वे लगातार व्यापारियों से फिरौती मांगे जाने और नगर निगम के काम काज पर हिसार, हांसी बंद का आह्वान कर रहे हैं, जिससे उनकी दावेदारी मजबूत हो सके। यह भी सर्वविदित है कि बजरंग दास गर्ग नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खासमखास हैं और उन्हें उनसे टिकट की आस है ! सिरसा से नवनिर्वाचित सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुश्री सैलजा टिकट की थपकी रामनिवास राड़ा को दे रही हैं। पिछली बार वही हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी थे लेकिन बुरी तरह हार गये थे । वे अब भी सक्रिय हैं और सामाजिक कार्यों में दिखते हैं । हिसार नगरपालिका के पूर्व प्रधान रहे हनुमान ऐरन भी कांग्रेस टिकट की रेस में शामिल हैं। वे भाजपा में भी कुछ समय रहे लेकिन फिर कांग्रेस में ही लौट आये। उनकी धर्मपत्नी रेखा ऐरन मेयर का चुनाव लड़ी थीं लेकिन सफल नहीं हुईं । कभी हिसार की सबसे पहली मेयर शकुंतला राजलीवाल की राजनीति श्रीमती सावित्री जिंदल के साथ चल रही है । वे भी जिंदल परिवार के साथ उसी दिन भाजपा में शामिल हो गयी थीं ! अब वे मेयर का चुनाव फिर लड़ेंगीं ? ऐसी चर्चाओं को भी सुना जा रहा है कि यदि पूर्व मेयर गौतम सरदाना को भाजपा ने टिकट नहीं दी तो उनका अगला कदम क्या होगा ? क्या वे भाजपा में ही बने रहे़ंगे या नहीं ? उन पर दूसरे दल डोरे डाल रहे हैं । आप पार्टी से पूर्व कर्मचारी नेता दलबीर किरमारा टिकट के प्रबल दावेदार दिख रहे हैं ! इनेलो बसपा गठबंधन के खाते में किस दल के पास हिसार आयेगा, तभी कुछ कहा जा सकता है ! फिलहाल सबसे बड़ा सवाल कि क्या जिंदल परिवार की हिसार से राजनीतिक वापसी होगी?
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।