समाचार विश्लेषण/सत्ता के साथ तो पद्मश्री और विरोध तो छापे 

समाचार विश्लेषण/सत्ता के साथ तो पद्मश्री और विरोध तो छापे 
कमलेश भारतीय।

-*कमलेश भारतीय 
यह बात एक बार फिर सच साबित हो गयी कि यदि आप सत्ता के साथ हैं तो आपकी पद्मश्री पक्की और यदि विरोध में हैं तो आपके आवासों पर छापे तय हैं । यही फर्क है सोनू सूद और कंगना में । कंगना ने सत्ता की खुशामद कर पद्मश्री पा ली तो सोनू सूद ने कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों की मदद कर अपने आवासों पर छापे सहन किये । यह साफ साफ फर्क है । यदि अब भी समझ न आए तो आप अनाड़ी हैं । समझने वाले समझ गये , जो न समझे वो अनाड़ी हैं । रजनीकांत का उदाहरण भी सामने है , जिन्होंने सत्ता का साथ दिया और दादा साहब फाल्के जैसा प्रतिष्ठित सम्मान ले लिया । हंसराज हंस को दिल्ली से टिकट मिला और सांसद बने जबकि पंजाब में उन्हें किसी पार्टी से ऐसा सम्मान न मिला । मनोज तिवारी और गोरखपुर से सांसद बने किशन अभिनेता भी सत्ता के प्रेम से आगे आए ।  
सोनू सूद ने कोरोना काल में जो काम किया उसके आधार पर उसकी पद्मश्री बनती थी लेकिन पद्मश्री गयी कंगना और एकता कपूर की झोली में । जिस दिन से कंगना को पद्मश्री मिली है , उसी दिन से उसने अपनी बयानबाज़ी से देशभक्तों औ'र स्वतंत्रता सेनानियों का एक सोची समझी चाल के तहत अपमान करना शुरू कर रखा है और वह सभी को चुनौती दे रही है कि मुझे गलत साबित करो तो मैं पद्मश्री वापस करने को तैयार हूं । अब जो ठान कर बैठ जाये कि मैं ही ठीक हूं , उसे कौन समझा सकता है ? हां , केस पे केस दर्ज हो रहे हैं और पुतले भी फूंके जाने लगे हैं । पर न इसे सरकार देखेगी और न ही कंगना ।
इधर सीने सूद इसलिए चर्चा में है कि वह आप पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करने गया और कांग्रेस वालों से भी मिला । अटकलें शुरू हो गयीं कि सोनू सूद आने वाले विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बन सकते हैं । पर किसके आप या कांग्रेस?
इन अटकलों पर खुद सोनू सूद ने विराम लगा दिया जब घोषणा की कि वे चुनाव नहीं लड़ने जा रहे बल्कि उनकी बहन मालविका पंजाब से चुनाव लड़ेंगी यानी इधर से नहीं उधर से चुनाव लड़ेंगे । खुद नहीं पर बहन मालविका के लिए वोट मांगेंगे । हालांकि सोनू सूद ने कहा कि वे ऐसे राजनीतिक या गैर राजनीतिक दल में शामिल होंगे जहां काम की आज़ादी हो । अब सोनू सूद फिल्मों में राजनीति करना और बात है और असल पिच पर यानी फील्ड में आकर राजनीति करना बहुत कठिन है । चाहे अपने लिए लड़ो या बहन के लिए । फिर अभी स्पष्ट नहीं हुआ कि किस पार्टी की ओर से बहन को चुनाव में उतारने जा रहे हो ? अभी तक अनुमान लगाये जा रहे हैं कि सोनू सूद आप पार्टी में शामिल हो सकते हैं । उनका यह भी कहना है कि कोरोना काल की सेवा का इससे कोई संबंध नहीं । उन्होंने बिल्कुल निष्काम भाव से यह सेवा की थी और इसे राजनीति से जोड़ना सही न होगा । 
खैर , इधर फिल्मी दुनिया से ही खबर है कि सुपर से भी ऊपर शिल्पा शेट्टी और उसके पति राज कुंद्रा पर डेढ़ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का केस दर्ज हो गया है । शिल्पा शेट्टी के पति देव उसे मुसीबतों में फंसाये जा रहे हैं । 
-पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।