सही नीतियों, नैतिक दिशा-निर्देशों और सुरक्षा उपायों के साथ एआई का उपयोग मानव समाज के लिए लाभकारीः प्रो. ए.एस. मान

रोहतक, गिरीश सैनी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज के समय की एक क्रांतिकारी तकनीक है, जो मानव जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित कर रही है। हालांकि, इसके साथ आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इसे सावधानीपूर्वक अपनाने की आवश्यकता है। ये उद्गार एमडीयू के डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए.एस. मान ने कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन्ज विभाग द्वारा एआई- पावर्ड इंटेलिजेंट स्पेस: ए रोडमैप विषयक कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किए।
मुख्यातिथि डीन प्रो. मान ने कहा कि आज के दौर में एआई का महत्व तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि यह विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता और उत्पादकता को बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि सही नीतियों, नैतिक दिशा-निर्देशों और सुरक्षा उपायों के साथ एआई का उपयोग मानव समाज के लिए लाभकारी हो सकता है।
बतौर की-नोट स्पीकर इग्नू, नई दिल्ली के एसओसीआईएस के पूर्व निदेशक प्रो. मनोहर लाल ने एआई की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एआई के चलते शिक्षा क्षेत्र में नवाचार, स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार, औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि, वित्त और बैंकिंग में क्रांति, यातायात और परिवहन में सुधार आ रहा है। वहीं एआई से जुड़ी चुनौतियों को रेखांकित करते हुए कहा कि एआई से नौकरियों पर खतरा, निजता और डेटा सुरक्षा, नैतिक और कानूनी चुनौतियां सामने आ रही हैं।
कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन्ज विभागाध्यक्षा प्रो. प्रीति गुलिया ने कार्यक्रम का समन्वयन किया। विभाग के प्रोफेसर डॉ. नसीब सिंह गिल ने कार्यशाला की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। डॉ. पूजा मित्तल ने स्वागत भाषण दिया। मंच संचालन शोधार्थी ट्रिमा गोयत ने किया।